UPI: अब उपभोक्ताओं को यूपीआई पर भी मिलेगी कर्ज की सुविधा, आरबीआई ने दें दी मंजूरी

बैंकों को लेनी होगी उपभोक्ताओं की अनुमति

 

mahendra india news, new delhi

RBI की ओर से बड़ी खबर सामने आ रही है। इससे उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिलने वाला हैं। आपको बता दें कि बैंक अब ग्राहकों को यूपीआइ अकाउंट पर भी कर्ज की सुविधा प्रदान कर सकेंगे। RBI ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। अभी बैंक खाते जमा रुपये का ही UPI लेनदेन हो सकता है। इसी वर्ष अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने इस सुविधा को शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। वर्तमान में बचत खाते, ओवरड्राफ्ट खाते, प्रीपेट वालेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआइ से जोड़ा जा सकता है। 


आपको बता दें कि RBI की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सभी बैंक अपने उपभोक्ताओं को पहले से निर्धारित कर्ज सीमा की पेशकश कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए बैंकों को ग्राहकों की पूर्व मंजूरी लेनी पड़ेगी। इस संबंध में बैंकों को अपने बोर्ड से एक नीति अनुमोदित करानी जरूरी होगी, इसमें लोन की पेशकश से जुड़े सभी नियमों और शर्तों का उल्लेख होगा। आपको बता दें कि नियमों और शर्तों में कर्ज की सीमा, अवधि और ब्याज दर का उल्लेख आवश्यक होगा। UPI से लेनदेन अगस्त में 10 अरब का आंकड़ा पार कर गया है। JULY में UPI लेनदेन की संख्या 9.96 अरब और JUNE में 9.33 अरब थी।


स्थानीय मुद्राओं का उपयोग
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि सीमापार भुगतान में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को वैश्विक संकट से बचाने में मदद करेगा। इतना ही नहीं डॉलर के मुकाबले मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव से भी भी काफी मदद करेगा।

कांत दास ने कहा कि यह कदम स्थानीय विदेशी मुद्रा और पूंजी बाजारों के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। मुंबई में G 20 टेकस्प्रिंट फिनाले 2023 को में कहा ऐसे प्लेटफार्म, जो कई मुद्राओं के माध्यम भुगतान की सुविधा प्रदान करते हैं, वह भी स्थानीय मुद्रा को बढ़ावा देने का एक तरीका प्रदान कर सकते हैं।

कई देश सीबीडीसी शुरू करने की भी योजना प्रस्तावित 
दास ने कहा, विश्वभर के कई देशों के केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करने पर मंथन कर रहे हैं और इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। इंडिया उन देशों में से एक है, जिन्होंने थोक और खुदरा दोनों क्षेत्रों में सीबीडीसी पायलट प्रोजेक्ट को लांच किया है। धीरे-धीरे हम इसका विस्तार कर रहे हैं।