राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से ऊपर कोई भी ध्वज न फहराएं, इसका ध्यान सभी नागरिकों को करना चाहिए

 
All citizens should take care not to hoist any flag above the national flag Tricolour
 

Mahendra india news, new delhi

लेखक
नरेंद्र यादव
नेशनल वाटर अवॉर्डी
यूथ एंपावरमेंट मेंटर

आज का विषय बहुत ही महत्वपूर्ण होता इस लिए है क्योंकि हम दिखाने के लिए देशभक्ति की हुंकार तो भरते है परंतु राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान में कहीं ना कहीं पीछे रह जाते है। जब हम सभी को बार बार ये आह्वान किया जाता है कि अपने अपने घरों पर तिरंगा फहराएं, और उनके नियमों का पालन करना ना भूले। फिर भी अधिकतर नागरिकों को जूं तक नहीं रेंगती कि हम भी राष्ट्र के साथ चले और अपने देश का गौरव बढ़ाएं।

साथियों ये किसी व्यक्ति, किसी पार्टी या किसी पंथ या फिर किसी संस्थान विशेष का कार्य नही है ये हम सभी की जिम्मेदारी है। प्रिय नागरिकों, हमे अपने राष्ट्रीय प्रतीकों के विषय में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, जैसे राष्ट्रीय ध्वज की संपूर्ण जानकारी, राष्ट्र गान का संपूर्ण ज्ञान, राष्ट्र गीत की जानकारी, राष्ट्रीय वाक्य की भी जानकारी रखनी चाहिए। कितने ही ऐसे महानुभाव मिल जाएंगे,जो राष्ट्र गान या राष्ट्र गीत गा नहीं पाते है। हम यहां राष्ट्रीय झंडे की बात कर रहे है। इससे संबंधित नियम कानून हमारी राष्ट्रीय ध्वज संहिता में इंगित है और सभी को इसका ज्ञान वा  ध्यान भी रहना चाहिए। हम सब कुछ जानते है, पाश्चत्य संस्कृति का भोजन करना जानते है, नए नए फैशन के कपड़े पहनना जानते है,

हम अच्छे से अच्छा जीवन जीना जानते है, हम अपनी हर प्रकार की पिकनिक मनाना जानते है , हम अपने सारे एग्जाम की तैयारी करते है , हम बहुत अच्छे घरों में रहना पसंद करते है, बहुत अच्छी अच्छी गाड़ियों की जानकारी रखते है, हम बड़े बड़े पदो पर बैठने चाहते है, सरकार से अच्छी खासी तनख्वा लेना चाहते है, लोग बड़े बड़े बिजनेस करते है करोड़ो कमाते है, लेकिन राष्ट्रीय प्रतीकों को जानना वा समझना नहीं चाहते है।जब हम अपने घर बनाते वक्त बहुत बहुत बड़े बड़े आर्किटेक्ट तथा अपनी इच्छा की पूर्ति हेतु सब कुछ ढूंढ लेते है तो फिर वो सभी लोग अपने संविधान में दी गई भारतीय ध्वज संहिता को क्यों नहीं जानना चाहते। क्या इन महानुभावों को इतना भी नही पता कि हमे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ?  

हमे ये नही जानना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज को कैसे फहराया जाए, ध्वज बंधन एवम् वंदन का क्या तरीका है, हम कहां राष्ट्रीय ध्वज लहरा सकते है और कहां नही लहरा सकते है, कौन लहरा सकता है? इस फेहरिस्त में बहुत से सवाल है, जिनका जबाव हमे हमारी ध्वज संहिता में ढूंढने है। लेकिन इसके लिए हमे खुद से  प्रयास करने की जरूरत है, कोई और आपकी और हमारी सहायता नही करेगा और करनी भी नही चाहिए क्योंकि ये हमारी खुद की जिम्मेदारी है, आखिरकार हम भारत के नागरिक है। मैं यहां कुछ बाते कहना चाहता हूं जो हम सब को सहायता करेगी, हमारी ध्वज संहिता में स्पष्ट लिखा है कि जब हम राष्ट्रीय ध्वज फहराते है तो उस इमारत पर राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर कोई भी ध्वज नही लहराया जायेगा। परंतु मुझे बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि लोग अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज लहराते है और उसी इमारत पर राष्ट्रीय ध्वज से भी ऊपर कोई और ध्वज भी फहराते है वो कोई धार्मिक ध्वज हो सकता है, वो किसी देवी देवता का ध्वज हो सकता है या फिर किसी और संस्था का ध्वज हो सकता है,

साथियों मैं यहां बड़े ही अदब से कहना चाहता हूं कि हर नागरिक ये सुनिश्चित करे कि एक ही इमारत पर कोई भी ध्वज , राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से ऊपर नहीं फहराया जा सकता है, इस बात का ध्यान वा ज्ञान तो सभी को करना ही चाहिए, क्योंकि इतना तो हम सभी से अपेक्षा कर सकते है। जब पिछले प्रति वर्ष हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाता है तो लोग फ्री में तिरंगे लेने के लिए लालायित तो रहते है परंतु जहां भी पैसे देकर राष्ट्रीय ध्वज लेने की बात आती है तो लोग पीछे हटने लगते है, एक और बात यह कि बहुत से लोगो ने एक बार तो किसी से भी मुफ्त लेकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा तो देते है लेकिन जब वो ध्वज फट जाए या मैल का हो गया तो अधितर नागरिकों को समझाने के बाद भी वो उसे बदलने का कष्ट नहीं करते है। ऐसे कैसे देशभक्त है जो एक राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं खरीद सकते है, कितने रुपए का आता है और अगर आए भी तो क्या हुआ हम अपने राष्ट्रीय ध्वज को तो अपने ईमानदारी से कमाए हुए पैसे से खरीद सकते है और अपने घर पर सबसे ऊपर लहरा सकते है।

एक उदाहरण मै यहां और पेश करना चाहता हूं कि हमारी ध्वज संहिता में स्पष्ट है कि कौन कौन लोग राष्ट्रीय ध्वज को अपनी गाड़ी पर लगा सकते है ये बिलकुल स्पष्ट है लेकिन फिर भी  लोग अपनी गाड़ियों पर ऐसे राष्ट्रीय ध्वज को अपनी गाड़ी पर लगाते जैसे वो ही इस देश के माननीय है और उनकी एंटीटलमेंट है। इससे भी बड़ी गलती ये होती है कि उनकी गाड़ी पर लगा ध्वज भी या तो फटा रहता है या बेहद मैल का होता है परंतु ऐसे महानुभावों को कोई ज्ञान नहीं होता है। बहुत से लोगो को ये भी ज्ञान नहीं है कि राष्ट्रीय ध्वज और दूसरे ध्वज में बहुत बड़ा अंतर होता है, यहां सबसे बड़ा दुख तो तब होता है जब ऐसी गाड़ियां को देखकर जिन पर राष्ट्रीय ध्वज लगाकर लोग धड़ले से घूम रहे होते है उन्हे पुलिस भी कुछ नहीं कहती है। असल में तो शायद जो पुलिस वाले चौराहों पर ट्रैफिक मैनेज करते है उन्हे इन बातों का ज्ञान ही नहीं होता है कि राष्ट्रीय ध्वज संहिता क्या है।

इन सब का ज्ञान एक पुलिस कांस्टेबल को तो अवश्य होना ही चाहिए। युवा दोस्तो, राष्ट्रीय ध्वज लगाते वक्त कुछ बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए, पहली बात हम सभी को राष्ट्रीय ध्वज को अपने घरों पर , कार्यालयों वा शैक्षणिक संस्थानों अथवा औधोगिक संस्थानों के ऊपर लहराना चाहिए, परंतु कुछ बातो का विशेष ज्ञान कर लेना चाहिए। पहली बात, राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर कोई भी ध्वज नही लहराया जा सकता है, दूसरी बात आप राष्ट्रीय ध्वज दिन और रात फहरा सकते है लेकिन रात में ध्वज रौशनी में हो, अंधेरे में नही होना चाहिए,

तीसरी बात राष्ट्रीय ध्वज किसी भी सूरत में कटा फटा या मैला कुचैला नही होना चाहिए अगर ध्वज फट जाता है या मैल का होता है तो इसे बदल कर नया ध्वज लहराना चाहिए, चौथी बात किसी भी प्राइवेट कार या गाड़ी या फिर सरकारी कार या गाड़ी पर ऐसे ही मैला और फटा हुआ ध्वज नही लगाना चाहिए क्योंकि जिन जिन कार पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति है वो बहुत ही कम माननीय को है,

आम लोगो को तो बिल्कुल नही है, पांचवी बात जब भी आप राष्ट्रीय ध्वज अपने घरों पर फहराएं तो यह देख ले कि राष्ट्रीय ध्वज सही माप का हो। बिना माप और कटा फटा ना हो और अशोक चक्र सही स्थान पर हो , मैने कई बार देखा है कि राष्ट्रीय ध्वज में चक्र बीच में न होकर एक तरफ होता है या फिर उसकी माप 3 अनुपात 2 नही होता है। कृपया ऐसे ध्वज को भी न फहर अच्छा होगा।  छटी बात अगर आप को एक लाइन में कई ध्वज लगाने हो तो राष्ट्रीय ध्वज दाहिने हाथ को सबसे ऊंचा लगाना होगा। जहां भी राष्ट्रीय ध्वज फहराना हो तो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि उससे ऊपर या बराबर भी कोई ध्वज ना लगाएं, चाहे वो धार्मिक हो, चाहे किसी विभाग का हो, चाहे वो किसी भगवान के नाम से हो, चाहे वो किसी संस्था का हो। आओ सभी मिलकर राष्ट्रीय ध्वज बांधना, लहराना तथा फहराना सीखे और सिखाएं, ताकि देशभक्ति हमारे शब्दों में ही नहीं हमारे हर कृत्य में हो।
जय हिंद, वंदे मातरम।