लाल पीले से अधिक धांसू है काले मक्के की खेती, बंपर फसल से अच्छी आमदनी

 
 mahendra india news, new delhi

किसान खेतों में मक्के की खेती करते हैं। मक्के की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। धरतीपुत्र पीला मक्का व लाल मक्के की खेती भी होती रही है, लेकिन कई किसान काले मक्के की खेती नई हो सकती है.

अब एक बार फिर से किसान काले मक्का उगाने के प्रति रुझान दिखा रहे हैं. इसी वजह से यहां मक्का की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है, किसान कई तरह का मक्का उगाते हैं. इसमें स्वीट कॉर्न, लाल और सफेद रंग का मक्का भी शामिल है. काले मक्के की खेती भी जोर पकड़ रही है।

जानकारी के अनुसार काले मक्के की खेती दूसरे मक्के की तुलना में अधिक फायदेमंद और आकर्षक है, क्योंकि इसके भुट्टे महंगे बिकते हैं, कृषि विशेषज्ञ के मुताबिक एंटोसियानिन पिगमेंट के कारण ये काले रंग का होता है.


काले मक्के की खेती कर रहे किसान राम सिंह ने बताया कि इसे एमपी और महाराष्ट्र में अधिक उगाया जाता है. प्रदेश में इसका सफल ट्रायल हो चुका है. यहां मई, जून में इसकी खेती की जा सकती है।


काला मक्का भी दूसरे मक्के की तरह ही लगाया जाता है. इसमें अलग से किसी भी प्रकार के फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि यह ऑर्गेनिक तरीके से भी उगाया जा सकता है। काला मक्का अपने स्वाद के साथ-साथ रंग, रूप के कारण भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इसीलिए यह अन्य मक्का से 3 गुणा अधिक रेट पर बिकता है। 


कृषि वैज्ञानिक डा. देवेंद्र सिंह ने बतायाा कि काले मक्के में एंथोसायनिन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो पुरानी बीमारियों से लड़ने, सूजन कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज भी होते हैं, जो पाचन में सुधार करते हैं। काले मक्के के पौधे सामान्य मक्के की तुलना में दोगुना अधिक लंबे होते हैं, इसीलिए एक पौधे पर दोगुना अधिक फल भी आते हैं. साइज भी दूसरे मक्के से थोड़ा बड़ा होता है, इसलिए वजन भी अधिक होता है।