Highway and Expressway: हाईवे और एक्सप्रेस-वे में क्या होता है अंतर, कितनी होती है स्पीड लिमिट, जाने अभी​​​​​​​

 
Difference Between National Highway and Expressway: देश के अंदर रोज नए नए हाइवे, सड़के, एक्सप्रेस वे बनाकर उनका उद्घाटन किया जा रहा है, ये सभी लोगों को बड़े बड़े शहरों को आपस में जोड़ने काम करते है, ओर लोगों को सभी तरझ की सुविधा उपलब्ध करवाते है, एक्सप्रेसवे को हमेशा खास डिजाइन के साथ तथा पूरी मजबूती के साथ बनाया जाता है , एक्सप्रेसवे के अंदर 6 लेन से 8 लेन तक बनी होतीं है। 

एक्सप्रेसवे को हमेशा हाई स्पीड के लिए तैयार किया जाता है, एक्सप्रेसवे के ऊपर चलने वाले विभिन्न साधनों मे रोक होती है, एक्सप्रेसवे के पर दो पहिया तथा इसके साथ ही कम स्पीड में चलने वाले साधनों पर प्रतिबंध होता है। एक्सप्रेस-वे मौजूदा वक्त सबसे उच्च गुणवत्ता वाली सड़क है 

एक्सप्रेसवे पर अलग अलग Enrty और Exit पॉइंट बनाये जाते है है केवल आप इनकी निर्धारित जगहों से ही अंदर बाहर आ जा सकते है। एक्सप्रेसवे का मुख्य काम दो जगहों के बीच की बड़ी दूरी में लगने वाले समय को कम करने के लिए इसका निर्माण किया जाता है। 

एक्सप्रेसवे पर जब भी सफर करते है तो ये अन्य सड़कों के मुकाबले काफी अलग होता है और इस पर सफर करना काफी आरामदायक भी होता है। मौजूदा वक्त में देश में सबसे लंबा ऑपरेशनल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है. इसके बाद उत्तर प्रदेश का ही लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे है. इसकी कुल लंबाई 302 किमी है. एक्सप्रेस-वे पर नेशनल हाईवे के मुकाबले  अधिक स्पीड में गाड़ियां चलती हैं। 

वही अगर हम हाईवे की बात करें तो इसका निर्माण दो छोटे शहरों और बड़े गांवों को जोड़ने के लिए किया जाता है। हाईवे ज्यादातर 2 लेन या फिर 4 लेन वाली सड़क के होते है। अलग-अलग एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के चलने की स्पीड लिमिट अलग-अलग होती है, लेकिन अधिकतर एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम स्पीड लिमिट 120 KM प्रति घंटे की है, वही अगर हम हाईवे की अधिकतम स्पीड की बात करे तो यह  80 से 100 किमी प्रति घंटे की होती है। 

एक्सप्रेस-वे पर टू व्हीलर और थ्री व्हीलर की एंट्री बैन होती है. उदाहरण के तौर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मोटर साइकिल ले जाने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।