इस जुलाई माह में धान नहीं, इस दलहन की करें खेती, जबरदस्त होगी फसल, किसान हो जाएंगे मालामाल

 
mahendra india news, new delhi 

मानसून की अभी अच्छी बरसात हो रही है। इससे किसानों को काफी फायदा मिला है। सिंचित एरिया के साथ बिरानी एरिया में भी किसान दलहन की खेती कर रहे है। आज के समय में खेती के तौर तरीके बदल गये हैं। किसान आधुनिक तरीके से खेती करने लगे हैं। इस कड़ी में किसानों को बता दें कि आमतौर पर बारिश के दिनों में धरतीपुत्र धान की खेती करते हैं लेकिन अगर किसान सिंचाई के अभाव वाले क्षेत्रों में दलहन की खेती कर लें। इससे किसानों को बहुत ही कम लागत में धान के मुकाबले करीब 3 गुना मुनाफा मिलेगा। किसानों के लिए अरहर की फसल बहुत ही फायदेमंद हो सकती है, इसमें कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा। 


कृषि वैज्ञानिक डा देवेंद्र सिंह ने बताया कि धरतीपुत्र अगर अपने खेत में अरहर की खेती करें तो किसानों को बढ़िया मुनाफा मिलेगा। इसके अलावा किसान इसके साथ सोयाबीन, उड़द और तुअर की सहफसली भी कर सकते हैं। अरहर की खेती करने पर करीब 10 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उत्पादन मिलता है। 1 क्विंटल अरहर के रेट करीब 12000 तक रहता है। 

किसानों को बता दें कि अरहर करीब 120 दिनों में तैयार हो जाती है. ऐसे में किसान बहुत कम खर्चे पर अपनी आमदनी को दो से तीन गुना तक कर सकते हैं। 

इन बातों का रखें ध्यान
कृषि वैज्ञानिक डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि अरहर की बुवाई बरसात शुरू होने के साथ ही कर दें। अरहर की बुवाई जुलाई के पहले हफ्ते तक बुवाई करें। लाइनों के बीच की दूरी शीघ्र पकने वाली किस्मों के लिए 60 से.मी. व मध्यम और देर से पकने वाली किस्मों के लिए 70 से 90 से.मी. रखें. कम अवधि की किस्मों के लिए पौधे से पौधे की दूरी 15-20 से.मी. और मध्यम तथा देर से पकने वाली किस्मों के लिए 25-30 से.मी. जरूरी है। जल्दी पकने वाली किस्मों का 20-25 किलोग्राम और मध्यम पकने वाली किस्मों का 15 से 20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बुवाई करें। 

बुवाई के समय जरूर करें यह कार्य 
कृषि वैज्ञानिक डा. देवेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि अरहर की फसल से अच्छी उपज लेने के लिए बीज उपचार करना बहुत ही जरूरी है। बुवाई के पहले फफूंदनाशक दवा 2 ग्राम थीरम, 1 ग्राम कार्बेन्डेजिम प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें. ऐसा करने से अरहर की फसल में कीट नहीं लगेंगे। 


सिंचाई कब और कितनी करें?
डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि अरहर का अच्छा उत्पादन लेने के लिए जहां किसानों के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो वहां वहां एक हल्की सिंचाई फूल आने पर व दूसरी फलियां बनने की अवस्था पर करने से उत्पादन में बढोतरी होती है। इसी के साथ ही अगर हल्की बरसात हो जाए, तब भी अरहर की खेती से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।