Monu Manesar:  मोनू मानेसर कौन है आखिर, हरियाणा के अंदर हुई हिंसा से क्या है मानेसर का संबंध

मोनू मानेसर हरियाणा के मेवात क्षेत्र में गोरक्षकों का प्रमुख चेहरा है
 

mahendra india news, new delhi

हरियाणा के नूंह हुई हिंसा का के दौरान काफी नुकसान झेलने को  मिला। इस हिंसा के दौरान गोलियां चलाने के साथ पत्थर फेंकने व जगह-जगह आगजनी की घटना देखने को मिली। यहीं नहीं नूंह से शुरू हुई हिंसा जिलों तक पहुंच गई, राजस्थान की सीमा सील कर दी गई है। इस घटना की जांच शुरू हो चुकी है। इस हिंसा के बाद मोनू मानेसर का नाम सामने आ रहा है, जिसका संबंध हरियाणा में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ा जा रहा है। 

आज आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और वह बजरंग दल का सदस्य है, हरियाणा के मानेसर में रहने वाले मोनू की आयु 28 वर्ष है और बहुतकनीकी कॉलेज से डिप्लोमा किया हुआ है, मोनू के पिता चालक थे और बस के अलावा डंपर चलाते थे। मोनू मानेसर हरियाणा के मेवात क्षेत्र में गोरक्षकों का प्रमुख चेहरा है, मोनू मानेसर अपने साथियों के साथ मिलकर गो-तस्करी रोकने के लिए कार्य करने करने का दावा करता है और गो-तस्करी विरोधी अभियानों को लेकर पहले भी चर्चा में रहा है। 

आपको ये भी बता दें कि कुछ माह पहले  मोनू मानेसर का नाम मेवात से सटे राजस्थान के भरतपुर के नासिर और जुनैद की हत्याकांड में सामने आया था। मोनू पर नासिर और जुनैद का अपहरण करके उनकी हत्या करने का आरोप लगा था और इसके बाद से ही पुलिस को मोनू की तलाश है, हालांकि, मोनू के अनुसार उसका वारदात वाले दिन वह गुरुग्राम में था और इस हत्याकांड से उसका कुछ लेना देना नहीं है।

काफी फेमस है सोशल मीडिया
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर काफी फेमस है। उसके फेसबुक पर 83 हजार लोग फॉलो करते हैं,वहीं यूट्यूब पर उसके 2.05 लाख सब्सक्राइबर हैं, बात दें कि वह अक्सर अपने यूट्यूब चैनल पर गोरक्षा के जुड़ी वीडियो भेजते रहते हैं। हाल ही में मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर नूंह में वीएचपी के बृजमंडल यात्रा में शामिल होने का ऐलान किया था और  ज्यादा से ज्यादा लोगों से इस यात्रा में आने की अपील की थी। 

अब हिंसा से क्या है मोनू का संबंध
बता दें कि बृजमंडल शोभायात्रा में शामिल होने के मोनू मानेसर ने  ऐलान के बाद से ही तनाव शुरू हो गया था,  हालांकि, वीएचपी ने सोनू का यात्रा में आने से मना किया था। लेकिन इसके बावजूद  मोनू के यात्रा में शामिल होने की अफवाह फैल गई और दोनों पक्षों ने एक दूसरे को चुनौती और धमकी देनी शुरू कर दी। इसके साथ ही वीडियो देखकर राजस्थान के भरतपुर पुलिस की टीम भी मोनू मानेसर को पकडऩे के लिए नूंह पहुंची थी, लेकिन उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ा क्योंकि मोनू यात्रा में शामिल नहीं हुआ।