ऑस्ट्रेलिया के ये पौधे लगा लो खेत के चारों और..6 वर्ष में हो जाएंगे धन दौलत वाले, हर जगह है डिमांड
किसानों को खेती के साथ आमदनी बढ़ने के लिए और तरीके अपनाने होंगे। इससे कम समय में आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकते हैं। कई किसानों ने ऐसा कर अच्छी आमदनी पाई है।
इसी कड़ी में धरतीपुत्र खेती के साथ-साथ अगर खेत किनारे पौधे लगा दें तो उनको अतिरिक्त आमदनी मिल सकती है। आपको बता दें कि बहुत ही कम वक्त में तैयार होने वाला यूकेलिप्टस यानी सफेदा का पौधा लगाया जा सकता है।
इससे फसल उत्पादन के साथ-साथ किसानों को यह अतिरिक्त आमदनी दे सकता है। बता दें कि यूकेलिप्टस से इमारती लकड़ी ली जा सकती ह। औद्योगिक इकाइयों के द्वारा भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह 5 से 6 सालों में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है.
कृषि वैज्ञानिक डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि यूकेलिप्टस ऑस्ट्रेलिया मूल का पेड़ है। जो कम वक्त में तेजी से बढ़वार करने के साथ साथ सीधा फैलता है। बता दें कि इसे गम, सफेदा और नीलगिरि के नाम से भी जाना जाता है. इसके पेड़ो से मिलने वाली लकड़ी का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड के साथ ही इमारती लकड़ी के तौर पर भी होता है।
उन्होंने बताया कि यूकेलिप्टस के पौधे 5 से 6 वर्ष में तैयार हो जाते हैं, अगर ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं तो 15 से 20 साल तक रुकने के बाद इसकी कटाई करें तो अच्छा उत्पादन मिलेगा।
कैसे तैयार करें गड्ढे?
डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि यूकेलिप्टस के पौधे लगाने के लिए पहले से ही तैयारी करनी होती है. यूकेलिप्टस का पौधा खेत में लगाने के लिए एक मीटर चौड़ा, एक मीटर लंबा और एक मीटर गहरा गड्ढा खोदकर उसकी मिट्टी बाहर निकालने के बाद एक तिहाई मिट्टी, एक तिहाई गोबर की सड़ी हुई गोबर की खाद और इतनी ही मात्रा में बालू मिलाकर, इसमें फंगीसाइड मिलाते हुए गड्ढे को भर दें। गड्ढे में मिट्टी भरते समय 1 किलोग्राम एनपीके खाद का इस्तेमाल भी करें। किसान ये ध्यान रखें कि गड्ढे से गड्ढे की दूरी 2 मीटर रखें।
इसी के साथ ही मेड पर पौधे लगाने के लिए पौधे से पौधे की दूरी करीब 1.5 मीटर रखें, यूकेलिप्टस के पौधे खेत में दूसरी फसलों को मिलने वाले उर्वरक से ही पोषण ले लेंगे। इसके लिए अतिरिक्त से कोई खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।