शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में साइंस फेस्ट 2025 प्रज्ञान  में उमड़ी रौनक, 100 से अधिक मॉडल बने आकर्षण का केंद्र

 

Mahendra india news, new delhi
सिरसा। शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल, सिरसा में शनिवार को साइंस फेस्ट 2025 प्रज्ञान और अभिभावक-अध्यापक बैठक का भव्य आयोजन किया गया। कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं ने साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स संकाय से जुड़े 104 से अधिक मॉडल प्रदर्शित किए। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता सार्इं मुख्य अतिथि रहीं, जबकि स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. शीला पूनिया इन्सां ने अध्यक्षता की।


कार्यक्रम में द सिरसा स्कूल की प्रधानाचार्या मनीषा गोदारा, शाह सतनाम जी कॉलेज आॅफ एजुकेशन की प्रशासिका डॉ. चरणप्रीत कौर इन्सां, विवेकानंद स्कूल की प्रधानाचार्या अनिता यादव, भारत स्काउट एंड गाइड से ऊषा गुप्ता, सीमा छाबड़ा इन्सां और शाह सतनाम जी बॉयज स्कूल से उपप्रधानाचार्या विपिन इन्सां व एकेडमिक कोआॅर्डिनेटर गुरप्रीत सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। प्रबंधन कमेटी के सदस्य रामकिशन बजाज इन्सां ने भी विशेष रूप से शिरकत की। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों और अभिभावकों ने प्रदर्शित मॉडलों का अवलोकन कर छात्राओं की सराहना की। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा तैयार किए गए दो रोबोट के मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे।

7वीं कक्षा का छोटा रोबोट सवाल पूछने पर जवाब देता था। 12वीं नॉन-मेडिकल का बड़ा रोबोट चलता था और आगे अवरोध आते ही रुक जाता था। दोनों को मोबाइल से आॅपरेट किया गया। रोबोट के साथ छात्र-छात्राएं सेल्फी लेने को उत्साहित दिखे। साइंस फेस्ट प्रज्ञान 2025 में प्रतिस्पर्धा कड़ी रही। कक्षा 11 की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत डिजास्टर मैनेजमेंट पर आधारित खान सुरक्षा मॉडल ने सभी को प्रभावित करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। वहीं हेल्थ केयर ब्रिजिंग इनोवेशन और इंडस्ट्री हेल्थ केयर मॉडल, जिसमें 11वीं और 12वीं नॉन-मेडिकल की छात्राएं शामिल थीं, द्वितीय स्थान पर रहे। तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से दो मॉडलों मैथ मटेरियल रीमॉडलिंग और एनर्जी पावर को मिला। छठी से आठवीं कक्षा के मॉडल्स में भी पूरी बाजी 8वीं कक्षा ने मारी।

आयुर्वेद पर बना मॉडल प्रथम, फूड वेस्ट मैनेजमेंट द्वितीय और ए.आई. रिवॉल्यूशन इन मॉडर्न वर्ल्ड तृतीय स्थान पर रहा। साइंस फेस्ट के दौरान निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग और रंगोली जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। 6वीं से 8वीं कक्षा तक रंगोली में यशिका और रूहानी, निबंध लेखन में 8वीं की शैरीन और पोस्टर मेकिंग में 7वीं की महक वर्मा विजेता रहीं। कक्षा 9 से 12 तक की श्रेणी में रंगोली में 12वीं की सुखलीन, सिमरन और प्रतिज्ञा क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय रहीं। पोस्टर में 12वीं की अंशमीत और निबंध में 11वीं की सोनम विजेता बनीं। विजेता मॉडल्स के लिए प्रथम पुरस्कार 5100 रुपये, द्वितीय 3100 रुपये और तृतीय 2100 रुपये दिए गए। सभी विजेता छात्राओं को मंच पर सम्मानित किया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता सार्इं ने कहा कि बच्चों के आइडिया व नवाचार काबिल-ए-तारीफ हैं। उन्होंने कहा कि साइंस एग्जीबिशन कई स्कूल लगाते हैं, लेकिन प्रज्ञान 2025 की खासियत यह है कि इसमें कॉमर्स और आर्ट्स संकाय को भी शामिल किया गया। उन्होंने छात्राओं को आगामी परीक्षाओं पर फोकस करने की भी सलाह दी।
                           

द सिरसा स्कूल की प्रधानाचार्या मनीषा गोदारा ने कहा कि फेस्ट में हर बच्चे की भागीदारी इसे खास बनाती है। छात्राओं ने न केवल मॉडल बनाए बल्कि उन्हें प्रभावी तरीके से समझाया भी। डॉ. चरणप्रीत कौर इन्सां ने मॉडल्स को इनोवेटिव और न्यू बताते हुए खूब सराहा।


                       प्रधानाचार्या डॉ. शीला पूनिया इन्सां ने कहा कि थ्योरी के मुकाबले प्रैक्टिकल लर्निंग का प्रभाव ज्यादा होता है। इनोवेटिव आइडियाज किताबों में नहीं, बल्कि बच्चों के दिमाग में होते हैं। उन्होंने भविष्य में स्किल एग्जीबिशन आयोजित करने की घोषणा भी की।


- ये मॉडल भी बने आकर्षण का केंद्र
साइंस फेस्ट 2025 प्रज्ञान में कई मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे। जिनमें एनिमल हेल्थ केयर सिस्टम का मॉडल भी शामिल है। इस मॉडल में छात्राओं ने सेंसर आधारित बैंड का मॉडल दिखाया, जो गौशालाओं में गायों की सेहत पर निगरानी रखेगा। गाय के बीमार होने पर कंट्रोल रूम में तुरंत अलर्ट जाएगा। इको ब्रीथ वॉल का मॉडल प्रदर्शित किया गया, जिसमें कॉटन, कोयला, क्ले और मॉस की लेयर वाली दीवार, जो प्रदूषित हवा को शुद्ध करके घर के भीतर पहुंचाती है। सोमनो शील्ड, जिसमें ड्राइवर को नींद आने पर अलर्ट करने वाला सिस्टम प्रदशित किया गया।

अगर ड्राइवर न जागे तो वाहन की गति स्वत: कम होकर रुक जाती है,इस मॉडल की यह खासियत थी। वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कचरे को जलाने से ऊर्जा उत्पादन और प्रदूषण घटाने वाला मॉडल, जिसे अभिभावकों ने खूब सराहा। कॉइल माइन सिक्योरिटी सिस्टम। जिसमें कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा हेतु सेंसरयुक्त हेल्मेट जो चोट लगने पर अधिकारियों को तुरंत सूचना देता है। जीएसटी मॉडल जिसमें छात्राओं ने समझाया कि किस तरह पहले अलग-अलग टैक्स थे, जिन्हें एकीकृत कर जीएसटी लागू किया गया, जिससे व्यापारियों को लाभ मिला।