Success Story: किसान की बेटी बनीं डिप्टी कलेक्टर, 11वीं में फेल होने के बाद नहीं मानी हार, जाने इनकी कहानी 

 
Success Story: कहते हैं कि असफलता इंसान को हमेशा नई सीख देकर जाती है। सफल होने के लिए असफलता के दौर से भी गुजरना जरुरी है। आज हम आपको ऐसी ही लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसने असफल होने के बाद भी मेहनत जारी रखी और सफलता हासिल की।

एमपीपीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 का आखिरी रिजल्ट घोषित किया। वैसे तो टॉप 10 में सात महिला अभ्यर्थियों ने अपनी जगह बनाई, लेकिन 11वीं कक्षा में फेल होने वाली प्रियल यादव की चर्चा चारों तरफ हो रही है। फेल होने के बावजूद अब वह डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है।

इंदौर से की परीक्षा की तैयारी
प्रियल यादव ने इंदौर से एग्जाम की तैयारी की। वह किसान परिवार से संबंध रखती है। प्रियल यादव ने का कहना है कि वह 10वीं कक्षा तक टॉपर थी। लेकिन रिश्तेदारों के दबाव में  11वीं कक्षा में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित को चुना, जबकि इन विषयों में मेरी रुचि नहीं थी। इसका नतीजा की वे 11वीं में फेल हो गई।

जिला रजिस्ट्रार पद पर पदस्थ
प्रियल यादव ने साल 2019 में एमपीपीएससी एग्जाम में 19वीं रैंक हासिल किया और जिला रजिस्ट्रार पद के लिए सेलेक्ट हुई। 2020 में 34वीं रैक हासिल की और उन्हें सहकारी विभाग में सहायक आयुक्त का पद मिला। वर्तमान में वे इंदौर में जिला रजिस्ट्रार पद पर पदस्थ हैं।

आगे करेंगी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी
प्रियल यादव के पिता एक किसान है और मां हाउसवाइफ। वह ऐसे इलाके से आती है जहां लड़कियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है। लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ाई करने की पूरी स्वतंत्रता दी। अब प्रियल डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी करेंगी।