ये हैं स्कूल वाहन पॉलिसी के नियम, जमीनी हकीकत पर शायद ही इसकी पालना हो रही है

 

mahendra india news, new delhi

हाई कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने स्कूल वाहन पॉलिसी तो बनाई हुई है, लेकिन जमीनी हकीकत पर शायद ही इसकी पालना हो रही है। इसके लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, जिला परिवहन प्राधीकरण सहित सभी समान जिम्मेदार हैं।यह भी मांग उठने लगी है कि संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। 


ये स्कूली वाहन पॉलिसी के नियम
स्कूल वाहन का परमिट समर्थ अधिकारी द्वारा बनाया होना चाहिए, सभी स्कूल वाहन पीले रंग से पेंट करवाएं होने चाहिए।
वाहन के दोनों साइड पर निजी स्कूल बस लिखा हो एवं यदि स्कूली वाहन स्कूल द्वारा किराए पर लिए गए है तो स्कूली वाहन के आगे एवं पीछे दोनों साइडों पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना जरूरी
हर स्कूल वाहन में स्टाप सिग्नल आर्म का साइन बोर्ड तथा स्पीड गवर्नर लगा होना जरूरी है। इस सदर्भ में समर्थ अधिकारी द्वारा बनाया सर्टीफिकेट मौजूद होना चाहिए।



सभी स्कूल बस के पिछले साइड दाएं तरफ एमरजैंसी डोर एवं बस की पिछली साइड पर एमरजैंसी एग्जिट की सुविधा
वाहन की खिड़कियों पर होरीजेंटल ग्रिल लगी होनी चाहिए, सारे स्कूली वाहन के दरवाजे में भरोसे योग लाक हों।
सभी स्कूली वाहन में सीसीटीवी कैमरे की सुविधा होनी जरूरी स्कूली वाहन में रिटरेटिंग स्टैप का होना जरूरी,  जिसकी ऊंचाई जमीन से 220 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।सभी स्कूल बस के ऊपर स्कूल बस का सिंबल बना होना चाहिए, जिसका आकार 350 मि.मी. का होना चाहिए।
स्कूली बस के दोनों साइडों पर सुनहरे भूरे रंग की पट्टी बनी हो, जिसका आकार 150 मिमी चौड़ा होना चाहिए एवं स्कूल का नाम इस पट्टी पर लिखा होना चाहिए।


स्कूली बस में चालक की सीट को छोड़कर शेष सीटें के नीचे स्टोरज रैक की सुविधा होनी चाहिए, जिसमें बच्चों के स्कूल बैग, लंच बॉक्स एवं पानी की बोतलें रखी जा सकें।

सभी स्कूली वाहनों में रजिस्ट्रर्ड समर्था के मुताबिक ही बच्चे बिठाए जाएं।
सभी स्कूल में बच्चों को स्कूली बसों में बिठाने एवं उतारते समय सारे स्कूली वाहन स्कूल वाली साइड पर ही लगे होने चाहिएं।बस पार्किंग एरिया स्कूल के अंदर ही हो। हर स्कूली बस के ड्राइवर का गाड़ी चलाने काकम से कम 5 वर्ष का तजुर्बा एवं पक्का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।


चालक पर किसी तरह का पुलिस मामला दर्ज न हो, इसकी जांच पुलिस से करवाई जाए।
सभी स्कूली वाहन में एक अटैंडेंट का होना जरूरी है, यदि स्कूली वाहन में लड़कियां मौजूद हैं तो महिला अटैंडेंट का होना जरूरी है।



ड्राइवर एवं कंडक्टर की वर्दी में हों, जिन पर नाम प्लेट लगी हो एवं ड्राइविंग लाइसैंस नंबर लिखा हो।
स्कूली वाहन की खिड़कियों पर ब्लैक फिल्म नहीं लगी होनी चाहिए



स्कूलों के बाहर बसों की स्पीड कंट्रोल करने के लिए स्पीड बे्रकर बनाए जाएं।
सर्दियों के मौसम दौरान धुंध के दिनों में हर स्कूली वाहन के आगे पीली लाइटें लगी होनी चाहिए

स्कूली वाहन में फर्स्ट ऐड बाक्स एवं आग बुझाने वाले यंत्र लगे होने चाहिएं एवं स्कूली वाहनों के ड्राइवर एवं कंडक्टरों का मेडिकल करवाया होना चाहिए।बस में ट्रैफिक चिन्ह के बोर्ड लगे होने चाहिएं। स्कूली स्कूलों के बाहर वाहनों की स्पीड 25 किमी प्रति घंटा से अधिक न हो।