नाथूसरी कलां में नवजात लड़की को गोद लेने वालों को करना हो ये काम, ये है गोद लेने की प्रक्रिया 

 

mahendra india news, new delhi

गांव नाथूसरी कलां में झाड़ियां में मिली नवजात लड़की को गोद लेने वालों की लाइन लग रही है। सरकार द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को पहले से आसान एवं सरल किया गया है, ताकि जरूरतमंद अभिभावकों को बच्चा गोद लेने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

बच्चों को गोद कैसे ले सकते हैं। इसके बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक व जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह से बातचीत की गई। 

उन्होंने बताया कि अनाथ व लावारिस, अंतर-परिवार और सौतेले माता-पिता द्वारा यानि तीन तरह से बच्चा गोद लिया जाता है। जरूरतमंद लोग बच्चा गोद लेने के लिए किसी बिचौलिए के बहकावे में न आएं। केवल राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के माध्यम से गोद ले सकते हैं।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) लेने के लिए केयरिंग वेबसाइट पर सारी जानकारी विस्तार से दी गई है। उन्होंने बताया कि वेबसाइट सीएआरआई एनजीएस डॉट एन आईसी डॉट आईएन पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण करते समय सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।

बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन करें आवेदन: 
महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक व जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि यदि किसी भी परिवार को बच्चा गोद लेना है तो वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन क्रमांक के अनुसार उन्हें बच्चे को गोद दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चा गोद देने से पहले प्रशासन यह आश्वस्त करता है कि परिवार बच्चे की परवरिश करने में सक्षम है या नहीं. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक प्रशासनिक टीम आवेदक के घर जाकर स्थिति की जानकारी हासिल करती है. साथ ही, गांव के लोगों से परिवार के व्यवहार का पता भी लगाते हैं

बच्चा गोद लेने के लिए यह दस्तावेज जरूरी: 
महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक व जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए Mission Vatsalya Portal पर आवेदन कर सकते हैं। बच्चा गोद लेने के लिए जो आवेदन पत्र भरना होगा, उसमें आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी, आय और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे. आवेदन के समय आवेदक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड), पता प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल), आय प्रमाण पत्र (आय प्रमाण पत्र, फॉर्म 16), विवाह प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए


महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक व जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि आवेदन के बाद सामाजिक कार्यकर्ता आवेदक के घर आकर परिवार बारे जानकारी हासिल करेंगे. इसके बाद उन्हें एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जहां आवेदक की गोद लेने की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि आवेदक को एक बच्चा गोद लेने के लिए चुना जाता है तो उन्हें बच्चे के बारे में जानकारी दी जाएगी और फिर वह बच्चे से मिलेंगे. बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार होने के बाद इसके लिए आवेदक को एक समझौता करना होगा, जिसमें उनके अधिकार और जिम्मेदारियां शामिल होंगी. इसके अलावा एक कानूनी प्रक्रिया भी होगी। 


पालने में छोड़े बच्चा 
डा. दर्शना ने बताया कि ऐसे बच्चों को फेंके नहीं, बल्कि उन्हें दें। बच्चे को सरकारी अस्पताल व भाई कन्हैया आश्रम में पालने रखे हुए हैं। ऐसे बच्चों को को पालने में छोड़कर चले जाएं, जिससे वह किसी अच्छे परिवार में जा सके। उसका जीवन अंधकार में न जाए। बच्चे को छोड़ने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।