गांव दड़बा कलां में सुख शांति के लिए योगी जिंद्रनाथ ने 108 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या पूरी, सत्संग में झूमे ग्रामीण 

 
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सिरसा जिले के गांव दड़बा कलां स्थित अखाड़ा में सुख शांति के लिए बाबा योगी जिंद्रनाथ की बुधवार को 21 दिन से ठंडे पानी की धारा में तपस्या पूरी हुई। उनकी तपस्या के अंतिम दिन 108 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या की। इसके बाद बुधवार को अखाड़ा में सत्संग का आयोजन किया। जिसमें ग्रामीण झूम उठे। वहीं दिनभर भंडारे का आयोजन किया गया। देश प्रदेश से आए हुए साध संतों का सम्मान किया गया। 

गौरतलब है कि बाबा योगी जिंद्रनाथ ने दिनांक 11 दिसंबर से सुबह 8 मटकों में भरे गए ठंडे पानी की धारा लगाकर उसके नीचे तपस्या कर रहे हैं। इसके बाद प्रतिदिन 5 मटकें बढ़ते रहे। बाबा योगी जिंद्रनाथ की तपस्या के लिए सांय के समय साफ व नये मटकों में ठंडा पानी भरा जाता है। रात भर खुले आसमान के नीचे मटकों को रखा गया तथा सुबह मटके के नीचे से निकलने वाली पानी की धारा में बाबा योगी जिंद्रनाथ बैठे। मटकों में भरे पानी की धारा जब तक चलती है तब तक महंत उसके नीचे बैठकर ध्यान में रहते हैं।

अखाड़ा परिसर में हुआ हवन 
जलधारा की समाप्ति पर बुधवार को अखाड़ा परिसर में विशेष पूजा होगी। परिसर में हवन किया गया। जिसमें पंडित महावीर शर्मा ने आहुति डलवाई। जिसमें गांव के ग्रामीणों ने आहुति डाली। इसके बाद बाहर से आए हुए साधु संतों का सम्मान किया गया। जिनमें प्रमुख रूप से पहुंचे संत योगी बेंदानंद, भोलेनाथ, शांतिनाथ, गणेश नाथ, सेवानाथ, महेंद्रनाथ, बालक नाथ, लालूनाथ व अन्य संतों का सम्मान किया गया। 

दिनभर चला भंडारा व सत्संग 
अखाड़ा परिसर में सत्संग का आयोजन किया। जिसमें भजनमंडी व संतों ने भजनों से समा बांध दिया। इसी के साथ दिनभर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे के लिए गांव निवासी भादर सिंह गोदारा का विशेष सहयोग रहा। भंडारे में जलेबी व अन्य व्यंजन परोसे गये।

अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था
दड़बा कलां के अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था है। यहां पर शीशनाथ, बधाईनाथ व सुकराई नाथ की सामधी बनी हुई हैंं। जहां पर सुबह शाम लोग माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। गांव के लोगो की अपार श्रद्धा है और खुद गांव के लोगो का मानना है यहां पर माथा टेकने से उनके काम सफल हुए हैं।


5 धूनों के बीच गर्मी में की थी तपस्या
बाबा योगी जिंद्रनाथ ने बताया कि हमेशा उनके ऊपर गुरु शीलनाथ का आशीर्वाद बना रहता है। इसी के चलते ठंडे पानी की जलधारा में स्नान कर रहे हैं। गांव में ठंडे पानी की धारा के नीचे बैठकर तपस्या करके समाज में सुख शांति लाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में 5 धूनों के बीच तपस्या करते हैं। गर्मी के मौसम में गांव में सुख शांति के लिए 41 दिन तक धूनों के बीच बैठकर तपस्या की थी।