हरियाणा के सिरसा जिला की मंडियों में 6963 मीट्रिक टन धान की खरीद
हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की आवक बढ़ रही है। सिरसा की अनाज मंडियों में 6963 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। सिरसा के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि जिला की विभिन्न मंडियों में खरीद एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 6963 मीट्रिक टन (एमटी) धान की खरीद की जा चुकी है।
किस एजेंसी ने कितनी की खरीद
धान की कुल आवक में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 3422 एमटी, हैफेड द्वारा 2342 एमटी तथा हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा 1199 एमटी खरीदी की गई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खरीद प्रक्रिया एवं उठान में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि बड़ागुढ़ा मंडी में 502 एमटी, डबवाली मंडी में 573 एमटी, कालांवाली मंडी में 2860 एमटी, फग्गु मंडी में 524 एमटी, रानियां मंडी में 1128 एमटी, रोड़ी में 140 एमटी, सिरसा मंडी में 633 एमटी धान की खरीद दर्ज की गई, साथ ही जिला की अन्य मंडिया में भी धान की आवक जारी है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान को सुखाकर मंडी में लेकर आए, ताकि जल्द खरीद की जा सके। धान की फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेषों को आग न लगाएं, बल्कि इन अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाएं और इसे जमीन में मिलाकर उपजाऊ शक्ति बढ़ाएं।
हरियाणा में मशीनों से पराली का प्रबधंन करने पर किसानों को मिलेगी मोटी रकम
हरियाणा में किसान पराली न जलाए, इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसी के साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन के प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता विजय जैन ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान कटाई का सीजन चल रहा है। इसलिए किसान पर्यावरण एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए पराली में आग न लगाएं, बल्कि उसका उचित प्रबंधन करें। प्रदेश सरकार के निर्णय अनुसार जो किसान धान की पराली के बंडल/गांठ स्ट्रा बेलर की मदद से बनाएगा, उस किसान को प्रति एकड एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी।
उन्होने बताया कि सरकार द्वारा रेड तथा येलो जोन में आने वाले गांवों के लिए विशेष योजना बनाई है। विशेष योजना में आने वाले गांवों में यदि फसल अवशेष जलाने का कोई मामला सामने नहीं आता है तो इन गांवों की पंचायतों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। रेड जोन वाले किसी भी गांव में यदि कोई फसल अवशेष नहीं जलता है तो उस पंचायत को एक लाख रुपये जबकि येलो जोन के गांव को पचास हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उन्होने बताया कि जिले में जो भी किसान पराली अवशेषों को आग न लगाकर उनका प्रबधंन उचित प्रकार से भूमि में मिक्स करेगा, उसे भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। किसान अपने धान खेत की जीपीएस लोकेशन वाली फोटो का रिकार्ड आपने पास रखेंगे। पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा किए गए पराली प्रबधंन के कार्य का सत्यापन ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा सत्यापन एंव जिला स्तरीय कमेटी द्वारा अनुमोदित उपरान्त प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में सीधे स्थानांतरण कर दी जाएगी। सभी किस्मों के लिए यह स्कीम लागू है, जिन किसानों द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण किया हुआ वे किसान ही प्रोत्साहन राशि के लिए विभागीय पोर्टल पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन पंजीकरण कर सकते है इसके लिए अधिकतम क्षेत्रफल की कोई सीमा नहीं है।