ठंड व शीतलहर से आमजन, फसलों और पशुधन के बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

 

Mahendra india news, new delhi
SIRSA जिला प्रशासन द्वारा ठंड में आमजन के स्वास्थ्य के मद्देनजर तथा फसलों व पशुधन को नुकसान से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई हैं। जारी एडवाइजरी के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पीएचसी, सीएचसी और नागरिक अस्पतालों में हाइपोथर्मिया व फ्रॉस्टबाइट जैसी बीमारियों के इलाज की पूरी तैयारी रखने, दवाइयों और हीटिंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा आमजन को मौसम की जानकारी पर नजर रखने, पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने, बंद कमरे में आग जलाने से बचने और ठंड से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेने की अपील की गई है।


शीत लहर और पाले के प्रभाव से फसलों को गंभीर नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। ठंड के कारण फसलों में ब्लैक रस्ट, व्हाइट रस्ट, लेट ब्लाइट जैसी बीमारियां पनपने लगती हैं तथा अंकुरण, वृद्धि, फूल आने, उत्पादन तथा भंडारण क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कृषि विशेषज्ञों की सलाह अनुसार ठंड से होने वाली बीमारियों और क्षति से बचाव के लिए फसलों पर बोर्डाे मिश्रण या कॉपर ऑक्सी-क्लोराइड का छिडक़ाव करें। साथ ही फास्फोरस (पी) और पोटाश (के) का प्रयोग कर जड़ों की बेहतर वृद्धि सुनिश्चित करें।

शीत लहर के दौरान जहां संभव हो वहां हल्की और बार-बार सतही सिंचाई करें, क्योंकि पानी की ऊष्मा क्षमता अधिक होती है। स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने से आसपास का तापमान बनाए रखने में भी सहायता मिलती है। टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की सरसों या अरहर जैसी ऊंची फसलों के साथ मिश्रित खेती करने से ठंडी हवाओं से प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है। नर्सरी और छोटे पौधों को प्लास्टिक शीट या सरकंडा व भूसे से बनी झुग्गियों से ढककर तापमान नियंत्रित किया जा सकता है।


इसी तरह पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की सलाह अनुसार पशुओं को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए उन्हें ढके हुए स्थानों में रखा जाए, पर्याप्त चारा, बिछावन और गर्म वातावरण उपलब्ध कराया जाए। ठंड के दौरान पशुओं को खुले में न छोड़ने और ठंडा चारा या पानी न देने की सलाह दी गई है।