जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 एक अस्थाई प्रावधान था : डा. राकेश कुमार
mahendra india news, new delhi
डा. राकेश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 एक अस्थाई प्रावधान था। राज्य में चल रहे युद्ध के कारण अंतरिम व्यवस्था बनाना इसका अस्थाई उद्देश्य था। भारतीय संविधान की पुष्टि के लिए एक संक्रमणकालीन उद्देश्य के लिए ये अनुच्छेद डाला गया था। डा. राकेश कुमार असिस्टेंट प्रो. राजकीय गर्ल्ज कॉलेज भोडियाखेड़ा (फतेहाबाद) द्वारा भारतीय इतिहास संकलन समिति सिरसा, HARYANA पंजीकृत शाखा सिरसा द्वारा विवेकानंद विद्यालय पुराना के सभा कक्ष में आयोजित मासिक गोष्ठी में कही।
इससे पहले गोष्ठी की अध्यक्षता समिति के प्रधान सुभाष चंद्र शर्मा ने की, जबकि मुख्यातिथि मेजर सूबे सिंह सेवानिवृत निदेशक जनता गर्ल्ज कॉलेज ऐलनाबाद और सान्निध्य शाखा विद्वत परिषद के संयोजक प्रो. डा. केके डूडी सेवानिवृत इतिहास का रहा।
संस्था प्रवक्ता गंगाधर वर्मा ने बताया कि डा. राकेश कुमार ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35 ए के निरस्तीकरण अपना निर्णय सुनाया तथा भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की सम्पुष्टि की। अब भारत का संपूर्ण संविधान जम्मू और कश्मीर राज्य तक विस्तार करना संवैधानिक रूप से वैध है। उन्होंने बताया कि सन् 1997 में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन सरकार में सफाई कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण उन्होंने पंजाब सरकार से सफाई कर्मियों की मांग की।
पंजाब सरकार ने करीब 300 परिवारों को जम्मू कश्मीर में भेजा, लेकिन जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 35 A के कारण उन परिवारों को नागरिकता नहीं मिली, जिससे उन्हें भारी परेशानियांं उठानी पड़ी। उनके बच्चे नागरिकता प्रमाण पत्र न मिलने के कारण आगे की पढ़ाई की जारी नहीं कर सके। लेकिन अब अनुच्छेद 35 A हटने के बाद उनके लिए नागरिकता मिलने के साथ सभी अवसरों के द्वार खुल गए हंै। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल होने पर लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा भी अप्रभावित रहेगा।
इस अवसर पर मुकेश यादव, रमेश जिंदगर, सुभाष वर्मा, सीबी कौशिक, सूर्य प्रकाश शर्मा, सतीश कंदोई, सुभाष बजाज, प्रेम शर्मा, महावीर प्रसाद अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, कर्ण लढा, सुरेंद्र शर्मा, सूरत सिंह यादव, प्रवीण कुमार गुप्ता, संदीप मेहता मौजूद रहे।