Haryana में आशा वर्कर्स ने लिया फैसला, सरकार ने जल्द मांग पूरी नहीं की तो यह करेंगे
mahendra india news, new delhi
हरियाणा में आशा वर्कर्स मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है। आशा वर्कर्स का धरना 63वें दिन भी जारी रहा। आशा वर्कर्स ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया। धरने की अध्यक्षता प्रधान दर्शना रानी ने की। उन्होंने बताया कि सरकार के अडिय़ल एवं मांगों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैए से नाराज हड़ताली आशा वर्कर्स ने हड़ताल को 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है और 18 अक्टूबर को भाजपा व J J P के मंत्रियों के आवास पर 24 घंटे के पड़ाव डालने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार की हठधर्मिता जारी रही तो 30 अक्टूबर को संसद पर आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो माह से अधिक समय हड़ताल को हो चुका है, लेकिन आज तक मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के पास आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के साथ बातचीत करने का समय तक नहीं है।
उन्होंने बताया कि एक तरफ तो C M जन संवाद कार्यक्रम कर रहे हैं और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जा रहा है। राज्य की 20 हजार आशा वर्कर भी बेटी है। उन्होंने कहा कि 29 सितंबर को मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर से मांगों पर विस्तृत बातचीत हुई है और उन्होंने आश्वासन दिया था कि अगले सप्ताह मुख्यमंत्री से बातचीत करवाई जाएगी। जिसमें आशा वर्करों की मांगों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी दूसरा सप्ताह शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आई है। आशा वर्करों के हौंसले बुलंद हैं और मांगों के माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। आज के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान दर्शना ने की। संचालन शिमला व मिनाक्षी ने किया। अपनी मांगों बारे बताया कि आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन, इंसेंटिव में 50 फीसद कटौती को बहाल करने, EPF एवं ESI की सुविधा, रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने और रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन व ग्रेज्यूटी दी जाए।