मानसून को लेकर बड़ी खबर: मानसून की समय से पहले होगी एंट्री, 5 दिन इन प्रदेशों में होगी जबरदस्त बरसात

 
mahendra india news. new delhi

मानसून की बरसात को लेकर हर किसी को इंतजार रहता है। मानसून की बरसात होने से जहां गर्मी का असर कम होगा। इसी के साथ किसानों को मानसून की बरसात से बड़ा फायदा मिलेगा। खासकर धान की रोपाई मानसून की बरसात के दौरान ही होती है। 

आपको बता दें कि देश भर में मौसम का मिजाज बदल गया है। कई प्रदेशों में गर्मी तो कहीं पर बारिश से मौसम सुहाना बना हुआ है। मौसम विभाग ने मॉनसून को लेकर अपडेट दिया है। आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से 3 दिन आगे चल रहा है। 19 मई के आसपास मानसून दक्षिण अंडमान सागर में एंट्री करेगा।

 इसके अलावा यह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व के कुछ हिस्सों में भी उसी दिन तक प्रवेश कर जाएगा। अमूमन हर साल 22 मई को मॉनसून इस हिस्से में पहुंचता है लेकिन इस साल उससे तीन दिन पहले ही प्रवेश करने जा रहा है।

मॉनसून सामान्यतः 1 जून के आसपास केरल में दस्तक देता है। इसके बाद यह आमतौर पर तेजी के साथ उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश में छा जाता है। मौसम विभाग को उम्मीद है कि इस साल देश में सामान्य से ज्यादा मॉनसूनी बारिश होगी।

 

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 15 अप्रैल को अपने दीर्घकालिक पूर्वानुमान में कहा था कि जून से सितंबर के बीच देश में ± 5% त्रुटि के साथ मॉनसूनी वर्षा करीब 106% रहने की उम्मीद है जो "सामान्य से ऊपर" माना जाता है।

मौसम विभाग ने कहा है कि 1971-2020 की लंबी अवधि के आंकड़ों के आधार पर पूरे सीज़न में दीर्घावधि औसतन 87 सेमी बारिश हुई है। विभाग के मुताबिक, पिछले साल दीर्घावधि औसतन मॉनसूनी बारिश 94.4% यानी "सामान्य से नीचे" था। IMD के मुताबिक, उससे पहले 2022 का मॉनसून एलपीए के 106% पर "सामान्य से ऊपर" था; जबकि 2021 में दीर्घावधि औसतन मॉनसूनी बारिश 99% पर "सामान्य" दर्ज किया गया था और 2020 में 109% पर फिर से "सामान्य से ऊपर" दर्ज किया गया था। 

IMD ने कहा है कि मई के अंतिम सप्ताह के दौरान फिर से एक अद्यतन पूर्वानुमान जारी किया जाएगा, जिसमें उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत, दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून की स्थिति और पूर्वानुमान का जानकारी अपडेट की जाएगी।

IMD के ताजा पूर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा समय में दक्षिण कर्नाटक के आंतरिक भाग के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और निचले क्षोभमंडल स्तर पर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है, जो उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश तक जा रही है। इसकी वजह से अगले 5 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (40-60 KM प्रति घंटे) के साथ छिटपुट से लेकर हल्की और मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा है कि 14 MAY को गुजरात और आसपास के क्षेत्र में आंधी चलने की संभावना है। इस दौरान बिजली कड़कने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। IMD के मुताबिक, 14 MAY (मंगलवार) को मध्य प्रदेश में छिटपुट ओलावृष्टि की भी संभावना है। इसके अलावा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (40-50 KM प्रति घंटे) के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

IMD ने कहा है कि अगले 7 दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी हल्की से लेकर मध्यम बारिश होने की संभावना है। दूसरी तरफ आईएमडी ने कहा है कि इस सप्ताह के मध्य तक यानी 16 MAY से उत्तर पश्चिम भारत में फिर से गर्मी का दौर शुरू हो सकता है। विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान लगभग 3-5 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ सकता है। इससे लोग परेशान रह सकते हैं।