bt cotton: नरमा में गुलाबी सुंडी, बीटी कॉटन निर्माता कंपनियों ने किसानों से किया किनारा लखविंद्र सिंह

बीकेई टीम ने सोमवार को गांवों में जाकर नरमे की फसल का निरीक्षण किया

 

mahendra india news, new delhi

भारतीय किसान एकता BKE टीम ने सोमवार को गांवों में जाकर नरमे की फसल का निरीक्षण किया, जो काफी चिंताजनक है। टीम ने इस दौरान गांव खुईयां मलकाना, भागसर, खाईशेरगढ़, खारिया, पीरखेड़ा, मोड़ावाली सहित कई गांवों में निरीक्षण किया।नरमे के पौधे में हर एक टिंडे में 4-5 गुलाबी सुंडियां है। नरमे के पौधे में टिंडों की संख्या को देखते हुए अनुमानित उपज 12 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ हो सकती थी। अगर गुलाबी सुंडी का प्रकोप ना होता। किसान पिछले कई सालों से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में भारत में BT कॉटन के ट्रायल लगे थे। 2008-09 से बीटी कॉटन बीज की बिक्री हो रही है, जिसमें अमेरिकन सुंडी व तंबाकू वाली सुंडी के बचाव के लिए जिन डाला गया है, लेकिन साल 2018-19 से नरमे की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप शुरू हुआ है, जिसके लिए भारत सरकार ने आज तक कोई भी काम नहीं किया है। 


बीजेपी सरकार हर पक्ष से किसान विरोधी साबित हुई है, जिसकी वजह से किसान दिन प्रतिदिन आर्थिक मंदी में जा रहा है। लखविंदर सिंह ने कहा कि बीटी कॉटन निर्माता कंपनियों ने बीज बेचकर किसानों से करोड़ों- अरबोंरुपया मुनाफा कमाया है। अब गुलाबी सुंडी के प्रकोप से नरमे की फसल बर्बाद हो रही है, फिर भी कोई बीटी बीज कंपनी वाला खेतों में जाकर किसानों की सुध नहीं ले रहा है। 

किसान नेता औलख ने कहा कि पहले बीटी बीज कंपनियां एक पैकेट में 450 ग्राम बीटी और 120 ग्राम नान बीटी देती थी, लेकिन पिछले दो सालों से पैकेट का वजन 475 ग्राम कर दिया हैं। इसमें बीटी और नॉन बीटी दोनों बीज मिले हुए हैं। इसकी मात्रा का नियंत्रण कंपनियों के पास है। किसानों का कहना है कि बीटी बीज कंपनियों ने सरकार से मिलकर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। BT कंपनियों के साथ-साथ FMC Bayer Crop Science, BASF India इंडिया लिए कार्टेवा एग्रीसाईंस इंडिया, सिंजेन्टा इंडिया लि. जैसी अनेकों विदेशी पेस्टिसाइड कंपनियां भी किसानों को लूट रही है। इन कंपनियों के बहुत महंगे-महंगे कीटनाशक भी सुंडी पर नियंत्रण करने में असमर्थ हैं। 


इस अवसर पर बीकेई से हरचरण सिंह पंजुआना, हनुमान न्योल, दीपू गिल, कुलदीप सिंह, अमनदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, प्रवीन राजा, गुरमुख सिंह, खाईशेरगढ़ से नाजर सिंह, दानाराम, दलीप सहारन, शंकर सिहाग, राजा राम, रामदयाल, जयप्रकाश, सुनील, मांगेराम, सतवीर, विनोद मोडांवाली, अजीत सिहाग, इंद्रजीत, भजन लाल सहित कई किसान उपस्थित थे।