मन के विचारों पर पूर्ण विराम केवल गुरु ज्ञान द्बारा ही सम्भव है: साध्वी पूजा भारती 

 

mahendra india news, new delhi
सिरसा। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से महाशक्ति दुर्गा मंदिर, खैरपुर में तीन दिवसीय सुन्दर कांड कथा का आयोजन किया गया, जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी पूजा भारती ने बताया कि सुन्दर कांड प्रसंग में गोस्वामी तुलसीदास ने बताया है कि जब हनुमान जी को व अन्य राम भक्तों को मां सीता की खोज करने की सेवा मिली तो सभी अलग-अलग दिशाओं में चले गए। हनुमान जी को सौ योजन का समुद्र पार कर मां सीता की खोज करने की सेवा मिली।

जब हनुमान जी समुद्र पार करने लगे, तो रास्ते में बहुत सी बाधाएं आयी। जिन को हनुमान जी ने बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से पार किया। साध्वी जी ने बताया कि यहां हनुमान जी की यात्रा मां सीता रूपी भक्ति को प्राप्त करने की यात्रा है। यहां एक भक्त जब भी भक्ति प्राप्ति की यात्रा पर निकलता है तो उसे भी बहुत सी बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जैसे मैनाक पर्वत रूपी आलस्य, सुरसा राक्षसी रूपी तृष्णा और सिंहिका रूपी ईर्षा।

जब एक जीवात्मा हनुमान जी की तरह पूर्ण रूप से अपने लक्ष्य परमात्मा पर एकाग्र होकर आगे की ओर बढ़ता है, तभी वह मंजिल को प्राप्त कर पाता है। एकाग्रता की यह विधि पूर्ण सद्गुरु द्बारा प्राप्त होती है। इंसान का मन बहुत से विचारों से विचलित रहता है। ये विचार ही बाधाएं हैं, मन के विचारों पर पूर्ण विराम केवल गुरु ज्ञान द्बारा ही सम्भव है। सभी भक्तजनों ने भजनों का खूब आनंद लिया।