भारत की 140 करोड़ की आबादी को एक परिवार की तरह जोड़ता है हमारा संविधान : कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा

 

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हरियाणा के लोक निर्माण एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि कोई भी देश संविधान के बिना नहीं चल सकता, इसी संविधान के तहत हमारे देश के सभी कानून बनते हैं। इस संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट समेत देश की सभी अदालतें, संसद, राज्यों के विधानमंडल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत हम सभी इसी के तहत काम करते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत हम सभी को अधिकार भी मिलते हैं कि हम सब पूरी आजादी व समानता के साथ जीवन जी सकें। गंगवा सोमवार को चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में संविधान दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। 


इससे पहले मुख्यअतिथि ने ऑडिटोरियम के प्रांगण में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा भारतीय संविधान पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान' अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने भारतीय संविधान के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलूओं पर प्रकाश डाला।

हरियाणा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने जिलावासियों को संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इस बार का संविधान दिवस बहुत खास है। क्योंकि संविधान-सभा द्वारा संविधान अपनाए हुए आज 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। ऐसे में हमारी भारत और हरियाणा सरकार द्वारा हर जिले में कई तरह के प्रोग्राम किए जा रहे हैं। इस बार 'हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान' अभियान चलाया जा रहा है तथा संविधान स्वाभिमान यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारा संविधान ही है जो अलग-अलग धर्मों व जातियों की भारत की 140 करोड़ की आबादी को एक परिवार की तरह जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नेक नियति से यह संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी, उसका हम सबको मान सम्मान करना चाहिए। वर्ष 2015 में 26 नवंबर को 'संविधान दिवसÓ के रूप में मनाने का फैसला किया था। तब से लेकर संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए संविधान-दिवस हर साल मनाया जा रहा है।
कैबिनेट सीडीएलयू के वीसी डा. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि हमारा देश जब 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, तब हमारे पास अपना कोई संविधान नहीं था। संविधान के बगैर देश नहीं चलाया जा सकता था, संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे इसलिए उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है। यह संविधान 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ और फिर इसे अपनाया गया, इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सभी वर्गों को समान माना गया है और सभी को समान अधिकार दिए गए हैं।
कार्यक्रम में सीडीएलयू से प्रो. राजवीर सिंह दलाल, अधिवक्ता एएस कालड़ा व लॉ छात्रा महक वर्मा ने भारतीय संविधान में समय-समय पर हुए बदलावों, महत्वपूर्ण बिंदुओं, संघीय संरचना, मौलिक अधिकार, दायित्व, धर्मनिरपेक्षता, संसदीय शासन प्रणाली, संशोधन प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सिरसा जिले के उपायुक्त शांतनु शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन, भाजपा जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज, मुख्यमंत्री के पूर्व राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा, पूर्व विधायक रामचंद्र कंबोज, रजिस्ट्रार सीडीएलयू राजेश बंसल, सीईओ जिला परिषद सुभाष चंद्र, पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, वरिष्ठï भाजपा नेता प्रदीप रातुसरिया, सतीश जग्गा, अशोक मित्तल, बलदेव सिंह मांगेआना, युवा भाजपा नेता भूपेंद्र खट्टïर, विकास कालूआना सहित भारी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं व आमजन मौजूद रहे।