डॉ. महिपाल अग्रवाल स्मृति न्यास द्वारा 1890-2014 तक की मूल्यवान साहित्यिक एवं शोध-संबंधी पुस्तकों का  संग्रह CDLU को भेंट किया 

 

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डॉ. महिपाल अग्रवाल स्मृति न्यास द्वारा 1890-2014 तक की मूल्यवान साहित्यिक एवं शोध-संबंधी पुस्तकों का एक  संग्रह हाल ही में विवेकानंद पुस्तकालय, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा को भेंट किया गया है। यह पुस्तक-दर्शन न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक समुदाय के लिए ज्ञान-संपदा में वृद्धि का अवसर है, बल्कि साहित्य, भाषा एवं शोध की सतत प्रवाहमान परंपरा को समृद्ध करने का एक सार्थक प्रयास भी है।


विश्वविद्यालय समुदाय की ओर से कुलगुरु प्रो. विजय कुमार, कुलसचिव डॉ सुनील कुमार, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. एस. के. गेहलावत, डॉ राकेश कुमार तथा अन्य शिक्षक सदस्यों ने भी इस पुस्तक-दान को सराहनीय और प्रेरक पहल बताया। उनके अनुसार, यह योगदान न केवल अध्ययन-संसाधनों को सुदृढ़ करेगा, बल्कि विश्वविद्यालय में शोध–संस्कृति के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।


विवेकानंद पुस्तकालय की प्रमुखा प्रो. मोनिका वर्मा ने न्यास द्वारा किए गए इस मूल्यवान योगदान के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक-संग्रह विश्वविद्यालय के ज्ञान-संसाधनों को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा और छात्रों तथा शोधार्थियों को विविध क्षेत्रों में शोधोन्मुख बनाएगा। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि दान में प्राप्त पुस्तकों का सूचीकरण शीघ्रता से पूर्ण कर उन्हें उपयोगार्थ उपलब्ध करा दिया जाएगा।
न्यास के संस्थापक सदस्य डॉ. आनंद शर्मा, सेवानिवृत्त असिस्टेंट डायरेक्टर  युवा कल्याण, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक तथा  स्वर्गीय डाॅ महिपाल अग्रवाल जी की सुपुत्री डॉ. रचना गुप्ता, सेवानिवृत्त प्राचार्या , हिन्दू गर्ल्स कॉलेज, सोनीपत  ने इन पुस्तकों को विश्वविद्यालय को सौंपकर विश्वास जताया है कि यहां इन पुस्तकों का  सदुपयोग हो पाएगा जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 एवं सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को बल मिलेगा।
डॉ  रचना गुप्ता ने कहा की  उनके पिता एक चलती-फिरती लाईब्रेरी थे और वह उनके विपुल साहित्यिक और शैक्षणिक जीवन को अमर रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगी।  स्वर्गीय डॉ. महिपाल अग्रवाल के आदर्शों से प्रेरित उनके तत्कालीन शोधार्थी डाॅ आनंद शर्मा अपने गुरु की साहित्यिक धरोहर तथा शोध संपदा के संरक्षण को अपना शैक्षणिक दायित्व मानते हैं।
उल्लेखनीय है की न्यास द्वारा प्रदान की गई पुस्तकों में विविध विषयों पर आधारित साहित्यिक कृतियाँ, महत्वपूर्ण शोध-ग्रंथ, प्रामाणिक संदर्भ-पुस्तकें तथा हिन्दी–संस्कृत–भाषाविज्ञान से संबंधित दुर्लभ और अनुकरणीय रचनाएँ शामिल हैं। यह संग्रह शोध-विद्यार्थियों, अध्यापकों और भाषा–साहित्य के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा, क्योंकि इन पुस्तकों में अध्ययन और शोध को दिशा देने वाली महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध है।