जैव तकनीकी और खाद्य संरक्षण पर सीडीएलयू सिरसा में विशेषज्ञों ने दी ये जानकारी 

 
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हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू) के खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी विभाग में "जैव तकनीकी का खाद्य प्रसंस्करण में योगदान" विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रख्यात प्रोफेसर परमजीत सिंह पानेसर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भारत में खाद्य तकनीकी की अपार संभावनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।


प्रोफेसर पानेसर ने जैव तकनीकी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र वर्तमान समय की प्रमुख आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने बताया कि बढ़ती वैश्विक आबादी और घटते कृषि योग्य क्षेत्रों के कारण संभावित खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में उत्पादकता बढ़ाने के लिए जैव तकनीकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमित संसाधनों में अधिक उत्पादन प्राप्त करने की चुनौती को जैव तकनीकी के माध्यम से प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है।खाद्य गुणवत्ता सुधार पर जोर देते हुए प्रो. पानेसर ने जीन इंजीनियरिंग के माध्यम से खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को मजबूत करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने खाद्य संरक्षण के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार जैव तकनीकी का उपयोग करके खाद्य पदार्थों की ताजगी और पौष्टिकता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने छात्रों को इस क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की अध्यक्षा डॉ. संजू बाला ने की। उन्होंने मुख्य वक्ता का औपचारिक स्वागत करते हुए प्रो. पानेसर के शैक्षणिक योगदान का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि प्रो. पानेसर के 200 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उनकी 17 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा वे अब तक 69 से अधिक शोधार्थियों को अनुसंधान में मार्गदर्शन प्रदान कर चुके हैं।
डॉ. संजू बाला ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई के मार्गदर्शन में इस विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। उन्होंने इस प्रकार के व्याख्यानों को छात्रों के ज्ञानवर्धन और शोध के प्रति उनकी रुचि को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।कार्यक्रम के समापन पर प्रो. मोहम्मद कासिफ किदवई ने मुख्य वक्ता प्रो. पानेसर का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर लाइफ साइंस विभाग के संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। व्याख्यान के अंत में विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों के बीच एक संवाद सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने प्रो. पानेसर से जैव तकनीकी और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सवाल पूछे और विशेषज्ञ दृष्टिकोण प्राप्त किया।