सल्फर कोटेड यूरिया को सरकार ने बाजार में उतारने की दी मंजूरी, जानिए क्या होंगे इसके रेट और फायदे

केंद्र सरकार किसानों के लिए समय समय पर अनेक स्कीमों को लेकर आ रही है
 

mahendra india news, new delhi

केंद्र सरकार किसानों के लिए समय समय पर अनेक स्कीमों को लेकर आ रही है। अब इसी कड़ी में सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड नाम से बाजार में उतारने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग ने उर्वरक निर्माता कंपनियों से इसको लेकर कहा है कि इसके  रेट GST सहित 266.50 रुपये होगी। 


आपको बता दें कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 28 जून 2023 को सल्फर कोटेड यूरिया को यूरिया गोल्ड नाम से मंजूरी दी थी,  अब नीम लेपित यूरिया के 45 किलो बैग के समान MRP पर 40 किलोग्राम बैग में सल्फर कोटेड यूरिया की बिक्री शुरू होगी। 

क्या है सल्फर कोटेड यूरिया 
आपको बता दें कि सल्फर कोटेड यूरिया में नाइट्रोजन के साथ सल्फर की कोटिंग होती है, सल्फर पौधों के लिए बहुत ही जरूरी होता है, इसलिए भूमि में हो रही सल्फर की कमी को पूरा करने में सहायता करती है। सल्फर पौधों में प्रोटीन बनाने और रोग से सुरक्षा करता है। इसके उपयोग से फसलों की उत्पादकन बढ़ता है।  

सल्फर कोटेड यूरिया क्यों है जरूरी
सल्फर फसल के 4वां जरूरी पोषक तत्व है, इस पर किसान ध्यान नहीं देते हैं, देश में सल्फर के उपयोग पर विशेष ध्यान न दिये जाने के कारण मृदा के नमूनों में 40 फीसद गंधक (सल्फर) की कमी पाई गई है, तिलहनी फसलों के लिए सल्फर बेहद जरूरी है। सभी फसलों के लिए तिलहनी फसलों के लिए Nitrogen, Phosphorus, Potash, Sulfur, Zinc नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर  जिंक और बोरान जरूरी तत्व हैं। लेकिन किसानों को संतुलित उर्वरक के नाम पर नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश के उपयोग पर बल दिया गया है। सल्फर, जिंक और आयरन के उपयोग पर विशेष ध्यान न दिये जाने के कारण इन तत्वों की कमी पाई गई है। अब सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने यूरिया में Sulfur के कोटेड होने से सल्फर की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। 

यूरिया गोल्ड से कैसे मिलेगा फायदा
आपको बता दें कि यूरिया खाद की मदद से खेतों में नाइट्रोजन की पर्याप्त आपूर्ति हो पाती है, इससे फसल की पैदावार बढ़ती है, सामान्य यूरिया के माध्यम से खेतों में नाइट्रोजन की कमी को दूर किया है और फसल की पैदावार में बढोतरी की है। अब यूरिया GOLD के प्रयोग से पौधों में नाइट्रोजन का बेहतर प्रयोग करने की क्षमता बढ़ती है। इसी के साथ ही यूरिया की खपत भी कम होगी, जिससे किसानों को दोहरा फायदा मिलने की उम्मीद है।