गुरु नानक देव जी सिर्फ सिखों के गुरु नहीं बल्कि पूरी मानवता के थे गुरु : प्रोफेसर ढींडसा
mahendra india news, new delhi
हरियाणा के सिरसा में स्थित JCD विद्यापीठ में स्थित JCD इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर एक लंगर का आयोजन किया गया। जेसीडी विद्यापीठ की महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रो. डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने लंगर का उद्घाटन करने के बाद विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और ग्रुप मैं रहो के महत्व के बारे में बताया। लंगर में विद्यापीठ के सभी महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा लंगर भी खिलाया। सर्वप्रथम सुखमणि साहब का पाठ किया गया और कीर्तन करवाया गया,उसके बाद लंगर बनाया गया तथा प्रसाद और लंगर दिया गया।
उद्घाटन अवसर पर डॉ ढींडसा ने प्रथम पातशाही के जीवन के अलग-अलग शिक्षाप्रद पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए बताया की एक बार रविंद्र नाथ टैगोर जी से एक सभा में किसी माननीय व्यक्ति ने पूछा कि आपने सिर्फ भारत के लिए भारत का राष्ट्रीय गान लिखा है विश्व के लिए आपने कुछ क्यों नहीं लिखा तब रविंद्र नाथ टैगोर जी ने जवाब देते हुए कहा की ये गान पूरे ब्रंहाड के लिये है कभी कोई कह देता है ना कि गुरू नानक देव जी सिखों के पहले गुरू है मैने कहा ऐसे मत कहिय वो सारी मानवता के गुरू है वो तो सब के है वो तो सारी मानवता के है और कहा कि वो तो पहले ही गुरु नानक देव जी लिख चुके हैं वो सिर्फ सीखो के गुरु नहीं बल्कि पूरी मानवता के गुरु हैं।
डा. ढींडसा ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने ही इक ओंकार का नारा दिया था और कहा था सबका पिता वही है इसलिए सभी से प्रेम करना चाहिए। गुरु नानक देव जी ने अपने एक संदेश में कहा था हमे कभी भी किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए। मेहनत और सच्चाई से गरीबो और जरुरतमंदो की मदद करनी चाहिए। हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत कर सही तरीको से धन कामना चाहिए। गुरु नानक ने कहा था एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए। जाति-पाति और लिंग-भेद की भावना से दूर रहना चाहिए, ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, दूसरों का भला करना चाहिए तथा अच्छे आचार-विचार अपनाने चाहिए।
उनके उपदेशों को नाम-जपना, कीर्तन करना और वंड-छकना के रूप में याद किया जाता है। उन्होनें कहा कि हम विद्यार्थियों को सांस्कारिकग् गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ साथ अनुशासित नागरिक भी बनाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए विद्यापीठ समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन का करता रहता है ।
जेसीडी IBM की प्राचार्या डॉक्टर हरलीन कौर ने सभी का धन्यवाद किया और उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में निपुण करना है ताकि वे कामयाबी हासिल कर सकें।