हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों लेकर खोला मोर्चा, कर्मचारियों ने दी चेतावनी
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होने पर रोष है। हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों लेकर मोर्चा
खोल दिया है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेन्द्र दिनोद, महासचिव सुमेर सिवॉच एवं प्रदेश प्रवक्ता व सिरसा डिपो प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश के कर्मचारियों को देख लेने व चुड़ी चढ़ाने की बात कहकर ईमानदारी व मेहनत से जनहित के लिए 12 से 14 घंटे काम करने वाले कर्मचारियों को बेइज्जत कर रहे हैं। आगामी 21 सितंबर को भिवानी में होने वाली कन्वेंशन में सरकार के इस आचरण व कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों की पोल खोली जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी डिपो महाप्रबंधक परिवहन मंत्री से समझौते के अनुरूप एक माह में 10 की बजाय 25 दिनों का रात्रि भत्ता नहीं दे रहे। एक वर्ष से कर्मचारियों का रात्रि भत्ता लम्बित है, जिस कारण कर्मचारियों में भारी रोष है। उन्होंने कहा सरकार समझौते को रद्दी की टोकरी में डालकर वादाखिलाफी कर रही है। रात्रि भत्ता, ओवर टाईम, बोनस, खाली पदों पर प्रमोशन करने, चालक-परिचालक व लिपिक का वेतनमान बढ़ाने, खाली पदों पर भर्ती करने पर बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगातार रोडवेज कर्मचारियों की मांगों की जा रही अनदेखी व वादाखिलाफी को लेकर 21 सितंबर को भिवानी सांस्कृतिक सदन में राज्य स्तरीय कन्वेंशन की जाएगी। कन्वैंशन में प्रदेश के सभी डिपो के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भाग लेंगे। कन्वैंशन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर फोगाट, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया व सीटू के राज्य महासचिव जयभगवान सम्बोधित करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट करें, विभाग का निजीकरण बंद कर 10 हजार सरकारी बसें शामिल की जाएगी, लिपिक, चालक, परिचालक व अन्य कर्मचारियों के वेतन संशोधन पर स्पष्ट करें। कौशल रोजगार निगम भंग कर सभी कर्मचारियों को पक्का करने सहित विभाग में खाली पदों पर पक्की भर्ती करेंगें या नहीं, सभी मानी गई मांगों को लागू नहीं करके वायदाखिलाफी क्यों?
उन्होंने कहा कि जनता व कर्मचारियों की मांग के विपरित सरकार 362 रूटों पर 3658 प्राइवेट बसों को रुट परमिट देकर विभाग को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा यूनियन की मांग के अनुसार प्राइवेट रुट परमिट देने की बजाय रोडवेज बेड़े में 10 हजार सरकारी बसें शामिल की जाती तो 60 हजार बेरोजगारों को पक्का रोजगार देने के अलावा जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, सभी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, जोखिम भत्ता देने, वेतन विसंगतियां दूर करने, विभाग में पक्की भर्ती करने आदि मांगों को सरकार लगातार दरकिनार कर रही