शिक्षकों की लंबित मांगों पर टरकाऊ रवैये के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ 8 नवंबर को पानीपत में करेंगे जोरदार प्रदर्शन

 
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हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के शिष्टमंडल ने आज शिक्षा विभाग के एसीएस श्री विनीत गर्ग, सैकेंडरी निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार, मौलिक शिक्षा निदेशक श्री विवेक अग्रवाल तथा विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
संघ की ओर से प्रभु सिंह, रामपाल शर्मा, संजीव सिंगला, गुरमीत सिंह, कृष्ण नैन, सुखदर्शन, रामेश्वर, संजय कंबोज एवं सतनाम सिंह शामिल रहे।


   बैठक में अधिकतर मुद्दों पर असहमत रही जैसे कि 
संघ ने बैठक में तीव्र असहमति जताई कि—
विभाग शहरों की बढ़ती आबादी के बावजूद नए विद्यालय नहीं खोल रहा; पिछले 40 वर्षों में केवल नाम बदले गए हैं, स्कूल नहीं खुले।
बच्चों को किताबें  देने के सरकारी दावे खोखले हैं —छट्ठी कक्षा के आधे छात्रों के पास अभी तक किताबें नहीं पहुँची हैं।
अधिकारी द्वारा कहना कि “बच्चों की बात मत करें, शिक्षक की करें” — यह विभागीय दृष्टिकोण संघ को अस्वीकार्य है; अध्यापक संघ के लिए बच्चे और विद्यालय सर्वोपरि हैं।
“चिराग़ योजना” और “ऑनलाइन डायरी” जैसी शिक्षण-विरोधी व्यवस्थाएँ बंद करने से विभाग ने साफ इंकार किया।
स्कूलों को सफाई कर्मचारी देने की माँग पर 11 वर्षों से “एफडी से अप्रूवल” का वही रटा-रटाया जवाब दिया जा रहा है।
तबादलों को लेकर संघ के सुझावों को अनसुना कर अधिकारियों ने फिर वही औपचारिक जवाब दिया कि “8–10 दिन में पॉलिसी देंगे” और “ 105 दिन की ट्रांसफर प्रक्रिया जल्दी शुरू करेंगे।
हजारों “केप्ट” पद पहले की तरह ही बंद रहेंगे।
ऑनलाइन डायरी सहित सभी गैर-शैक्षणिक कार्य जारी रखने की मजबूरी जताई गई — “हमारे हाथ में कुछ नहीं” कहकर विभाग ने पल्ला झाड़ लिया।
एचकेआरएन अध्यापकों के बिलों पर जीएसटी हटाने, मेडिकल रीइम्बर्समेंट में अभिभावक आय की शर्त खत्म करने व एसओ की कमी जैसे मुद्दों पर भी विभाग ने असमर्थता जताई।
एचटेट को लेकर विभाग ने दो टूक कहा — “जो निर्धारित समय में टेट पास नहीं करेगा, उसे सेवा से बाहर समझा जाए।” पाँच वर्ष से कम सेवा वाले को ही अस्थायी छूट, वह भी बिना पदोन्नति के। संघ ने इसका घोर विरोध किया।
  सरकारी स्तर पर लंबित  कुछ मुद्दे टाल दिए गए मुद्दे जैसे 
एसीपी पर 50% शर्त फिर से “एफडी अप्रूवल” के हवाले कर दी गई।
मौलिक मुख्याध्यापक मामले में विभाग की गलती पर भी केवल “देखेंगे” कहकर बात टाल दी गई।
पदोन्नति प्रक्रियाओं में कई मामलों पर “हम कुछ नहीं कर सकते” कहकर ठोस निर्णय से बचा गया।
एलटीसी (2020–23) का बजट निदेशक स्तर पर जारी होने के बावजूद जिलों में जानबूझकर रोका जा रहा है।
भविष्य में “रिक्त पद भरने के अगले दिन ही पदोन्नति” पर केवल “सोचेंगे” कहकर बात टाल दी गई।
 जिन मुद्दों पर आंशिक या सैद्धांतिक सहमति बनी वे हैं 
जेबीटी व सीएंडवी की अंतर-जिला ट्रांसफर पर सहमति बनी।
कंप्यूटर टीचर व लैब सहायक के नियमितीकरण पर विभाग सहमत हुआ।
गेस्ट टीचर की वेतन सीमा (ceiling) हटाने व पत्र लागू करवाने पर सहमति बनी।
गणित विषय में लगभग 90 पदोन्नतियाँ शीघ्र करने पर सहमति।
मुख्याध्यापक (एचटी) की पदोन्नति हेतु सभी जिलों को पत्र भेजने का निर्णय।
हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पर वर्तमान नियमों अनुसार पदोन्नति, शेष को कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता दी गई।
 सीएंडवी के एसीपी व अन्य मामले जिला स्तर पर निपटाने हेतु पत्र जारी करने पर सहमति बनी।
मेवात मॉडल स्कूल बनने से पूर्व राज्य कैडर के शिक्षकों को रेस्ट ऑफ हरियाणा के पदों पर ट्रांसफर में छूट देने पर सहमति।
1456 मेवात कैडर जेबीटी भर्ती पर विभाग अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखेगा।
आरोही स्कूलों जो सोसाइटी स्कीम से हैं उन्हें केवी मॉडल पर लाने के प्रस्ताव पर सहमति।
डीईईओ (मौलिक) की 8 जिलों की पदोन्नति सूची शीघ्र जारी करने की बात कही गई।
प्रशिक्षण शिविर 2025 हेतु प्रतिपूर्ति अवकाश का पत्र जारी कर दिया गया,सरेआम झूठ बोला गया।
एसएमसी मर्जर 31 मार्च 2026 के बाद पुनः किया जाएगा,जिस पर अध्यापक संघ ने विरोध दर्ज करवाया।
      निष्कर्ष एवं आंदोलन का आह्वान
बैठक में अधिकांश मुद्दों पर असहमति बनी रही। जिन पर सहमति बनी है, उन पर भी तब तक भरोसा नहीं किया जा सकता जब तक विभाग लिखित आदेश जारी कर कार्रवाई नहीं करता।
लगातार वादाखिलाफी, अस्थायी आश्वासनों और शिक्षकों के साथ अपमानजनक रवैये के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने निर्णय लिया है कि 8 नवंबर 2025 को पानीपत स्थित शिक्षामंत्री के कैंप कार्यालय पर राज्यव्यापी प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
संघ ने समस्त शिक्षकों से आह्वान किया है कि अब और प्रतीक्षा नहीं! शिक्षा बचाने, शिक्षक बचाने और अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है।