Haryana Mousam: हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता, कई एकड़ फसल बर्बाद

 
Haryana Mausam: हरियाणा में मौसम का मिजाज बदल गया है। कल शाम प्रदेश के कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई । इस बेमौसम बरसात से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।  

मौसम विभाग ने हरियाणा के 22 जिलों के रेड,ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग का मानना है कि इस दौरान 60 से 70 किलोमीटर की स्पीड से हवांए चलेंगी। पिछले 12 घंटे से प्रदेश के 5 जिलों में बारिश के कारण हालात खराब चल रहे हैं। इनमें रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल, सोनीपत व फरीदाबाद शामिल हैं।

इनके अलावा पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, अंबाला में भी हालात खराब रहेंगे। मार्च में इससे पहले 2 और 3 तारीख को भी ऐसा ही मौसम रहा था, इस दौरान भी ओलों के साथ खूब बारिश हुई थी। इस बारिश से जहां मौसम सुहावना हो गया है। वहीं, खेतों में खड़ी सूखी फसलों के नुकसान को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

रात-दिन के तापमान का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि मौसम में बदलाव से दिन के अधिकतम तापमान में लगभग 9 डिग्री गिरावट आएगी। 30 मार्च यानी आज दिन का पारा 30 के आसपास रहने का अनुमान है। इसके साथ 31 से लेकर 3 मार्च तक भी ऐसे ही हालात रहेंगे। वहीं न्यूनतम तापमान में कोई गिरावट नहीं होगी। यह 15 से लेकर 17 डिग्री तक स्थिर रहने के आसार हैं।

इस बार मार्च में 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश
हरियाणा में मार्च में इस बार रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। इस बार इसी महीने 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। 1 से 28 मार्च तक 15.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि इस अवधि में 14.1 मिलीमीटर होती है। इस महीने में अब तक सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। 6 जिलों में सामान्य से बहुत ज्यादा, 7 में सामान्य से बहुत कम, 6 जिलों में सामान्य, 2 में कम, एक जिले में सामान्य बारिश हुई है।

किसानों की इसलिए बढ़ी चिंताएं
ओलों के साथ हो रही बारिश को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। 2 और 3 मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। सरकार के विशेष गिरदावरी के निर्देश के बाद अब तक 11.23 लाख एकड़ फसल खराब होने की सूचना आ चुकी है।

इसके बाद अब फिर मौसम खराब हो गया है, जबकि किसानों की फसल खेतों में ही पड़ी है, बारिश और ओलावृष्टि होने से इस बार किसानों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।