HARYANA के खारिया गांव की पहली बेटी अर्चना बनी नौसेना में अधिकारी, पिता है राजमिस्त्री, टीम बीकेई ने किया सम्मानित
हरियाणा में सिरसा जिले के गांव खारिया की बेटी अर्चना पुत्री विनोद कुमार जलसेना में नियुक्ति होकर लौटी। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह आयोजित किया। अर्चना ने कहा कि लक्ष्य कोई भी मुश्किल नहीं होता। उसके पिता विनोद कुमार जहां राजमिस्त्री है, वहीं मां गुलाब देवी दिव्यांग होते हुए भी हौंसला न हारते हुए आंगनवाड़ी वर्कर के तौर पर काम कर रही है। परिवार में एक भाई सौरव जहां एमए अंग्रेजी की पढ़ाई कर रहा है, वहीं बड़ी बहन लक्ष्मी भी डिफेंस की तैयारी कर रही है।
अर्चना ने बताया कि पारिवारिक परिस्थितियां विकट थी, लेकिन उसके मन में तो कुछ और ही चल रहा था। मेरा सपना था कि मैं नौसेना में जाकर देश की सेवा करूं। अभिभावकों के लगातार प्रोत्साहन ने उसके सपने को पंख लगाने का काम किया और उसने अपनी मेहनत से सफलता के मुकाम को हासिल कर लिया। अर्चना ने कहा कि ग्रामीणों का ाी उसे काफी सहयोग रहा।
अर्चना के पिता विनोद कुमार व माता गुलाब देवी ने कहा कि आज उन्हें अपनी बेटी की मेहनत पर गर्व है कि उसने हमारा सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। उन्होंने भी अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपनी बेटियों के सपनों को पंख लगाने के लिए उन्हें अच्छे संस्कार दें और उनकी रूचि के अनुसार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बेटियों से भी आह्वान किया कि वे अपनी मेहनत से अपने सपनों को साकार करते हुए अभिभावकों का नाम रोशन करें।
टीम बीकेई ने किया सम्मानि
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद गांव लौटी अर्चना के स मान समारोह में बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचकर अर्चना को शॉल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर प्रोत्साहित किया और टीम की ओर से अर्चना को उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने रानी लक्ष्मीबाई सहित अन्य बेटियों का उदाहरण देते हुए कहा कि बेटियों को अगर अच्छे संस्कार व उचित प्रोत्साहन मिले तो वे किसी भी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकती है।
उन्होंने कहा कि खारिया गांव का इतिहास रहा है कि यहां से पूर्व में 11 लोग जल सेना, थल, सेना व वायु सेना में जा चुके हंै, लेकिन वह गांव की पहली बेटी है, जो नौसेना में चयनित हुई है। वहीं बॉक्सर मनदीप जांगड़ा अर्जुन अवार्डी भी रह चुके हंै। इस मौके पर उनके साथ अंग्रेज सिंह कोटली, जगजीत सिंह, सुनील नैन, सुभाष न्यौल, राकेश भांभू, रघुबीर नैन, कमल नैन, जोगिंद्र नैन, राकेश भांभू, भीम न्यौल, संजय न्यौल, राकेश नैन, प्रदीप न्यौल, मांगे राम सहारण सहित काफी सं या में ग्रामीण उपस्थित थे।