पेपर लीक करने पर 5 वर्ष से दस वर्ष तक होगी जेल, संसद में मोदी सरकार ले आई मोटा बिल

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर 

 

mahendra india news, new delhi
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि पेपर लीक के मामलों पर फुल स्टॉप लगाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार सोमवार को संसद में विशेष बिल ले आई है। अब  इससे संबंधित The Public Examination (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 लोकसभा में पेश किया गया। परीक्षाओं में सर्विस प्रोवाइडर फर्मों के लिए भी सख्त कानून का प्रस्ताव किया गया है, इसी  इसके तहत दंड के रूप में एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं साथ ही फर्म से परीक्षा कराने पर हुए पूरे खर्च की वसूली की जाएगी, अपराध साबित होने पर फर्म को 4 वर्ष के लिए सरकारी परीक्षाएं आयोजित करने से भी रोक दिया जाएगा। 


आपको बता दें कि इसका मकसद प्रमुख परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है, इस बिल में पेपर लीक के मामलों में कम से कम 3 वर्ष से 5 वर्ष तक की जेल का प्रावधान किया गया है. हालांकि संगठित अपराध के लिए बिल में 5 से 10 वर्ष की सजा का नियम बनाया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार का मानना है कि कानून सख्त होने से परीक्षाओं में धांधली रुकेगी। पेपर लीक के साथ नकल पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा, यह बिल ऐसे वक्त में आ रहा है जब कुछ दिन पहले ही झारखंड में सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) नियुक्ति परीक्षा का पेपर लीक हुआ। इसी को लेकर रांची में हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था। राजस्थान में शिक्षक भर्ती का पेपर लीक मामला काफी चर्चा में रहा। वहीं पेपर लीक होने से कई प्रदेशों में परीक्षाएं रद्द हुई हैं. ऐसे में लाखों परीक्षार्थियों की मेहनत बेकार हो जाती है। 


रेलवे परीक्षा, केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया।  इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है. बिल का उद्देश्य रेलवे, नीट, जेईई,UPSC, SSCऔर सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है। इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।