हरियाणा के इस जिले में भारतीय संविधान को साक्षी मानकर बिना दहेज के की शादी
In this district of Haryana, marriage without dowry took place as a witness to the Indian Constitution
हरियाणा के सिरसा जिले के गांव बुर्जभंगू निवासी छबीलदास ने अपने बेटे छत्रपाल की शादी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव कमरानी निवासी कृष्ण कुमार की बेटी प्रियंका के साथ भारतीय संविधान को साक्षी मानकर बिना दहेज लिए कर समाज में एक अनोखी मिसाल कायम की। उन्हें इसकी पे्ररणा तब मिली, जब उन्होंने अपनी लड़की की शादी जिला कैथल के गांव पिलनी के रहने वाले राजकुमार कैत के बेटे विनोद कुमार से की, जो उस समय पीएचडी कर रहा था।
राजकुमार कैत ने बिना दहेज लिए अपने बेटे की शादी की, उस समय लड़की शकील भी एम एड कर रही थी। उसको अपनी पुत्रवधू के रूप में स्वीकार किया और कहा कि दहेज लेना या देना बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है। जिसके कारण हजारों परिवार बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए बिना दहेज के ही शादी की जानी चाहिए, ताकि परिवार पर लड़की बोझ ना लगे। उन्होंने कहा कि जिस माता-पिता ने अपनी लड़की ही आपको सौंप दी तो उस परिवार ने आपको सब कुछ तो दे दिया फिर भी दहेज की उ मीद व मांग करना बहुत गलत है। छबील दास ने यह भी बताया कि मेरे दामाद डा. विनोद कुमार ने 2022 में प्रतिज्ञा ली है कि वह जीवन भर किसी भी ऐसी शादी में शामिल नहीं होंगे, जिसमें दहेज लिया या दिया जाएगा।
इस बात कि मुझे और मेरी पत्नी नाथी देवी को बहुत खुशी होती है कि बहुत ही जल्दी मेरा पूरा परिवार दहेज मुक्त शादी या विवाह करने वाले परिवार में शामिल होगा। आज वे अपनी पुत्रवधू प्रियंका व बेटे छत्रपाल को आशीर्वाद व मंगल कामना करता हैं कि उनका जीवन खुशियों से भरा रहे। इस अवसर पर लड़की के परिवार की तरफ से बीरबल दादा, कृष्ण कुमार पिता, कान्हाराम नाना, भाई व बहन उपस्थित रहे, जबकि लड़के के परिवार से छबील दास पिता, चाचा, ननिहाल परिवार से सुनील, संदीप व सुमित, लड़के के भाई व दोनों गावों के स मानित लोग मौके पर शादी में शामिल रहे व सभी ने मिलकर नवविवाहित जोड़े को अपना आशीर्वाद दिया।