Kumari Selja: एचकेआरएम के माध्यम से आरएसएस के लोगों की भर्ती करने में लगी हुई है भाजपा सरकार: कुमारी सैलजा

कम वेतन, कच्ची नौकरी देकर किया जा रहा है प्रदेश के युवाओं का शोषण
 

mahendra india news, new delhi

हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने एचकेआरएम में की जा रही भर्ती पर सवाल खड़ा कर दिया है। इसी को लेकर कुमारी सैलजा ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जो देश-प्रदेश युवाओं की शक्ति को पहचान कर उन्हें उचित मान सम्मान दे उस देश-प्रदेश की तरक्की को कोई रोक नहीं सकता है पर हरियाणा की इस गठबंधन सरकार यानि भाजपा जजपा युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है उन्हें सोची समझी साजिश के तहत पक्की नौकरियों से वंचित किया जा रहा है। 

कुमारी सैलजा ने जारी बयान में यह भी कहा है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से युवाओं को कम वेतन देकर उनका शोषण किया जा रहा है, इतना ही नहीं इस प्रकार की नौकरियों में आरएसएस के जुड़े लोगों के बच्चों को महत्व दिया जा रहा है। प्रदेश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है अगर युवाओं को रोजगार न मिला तो युवा रास्ते से भटक सकता है।


कुमारी सैलजा ने कहा है कि रविवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार अपने हर वायदे से मुकर रही है, भाजपा ने लोगों से वोट लेकर उनके साथ विश्वासघात किया है। सरकार के ही आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि 2.9 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में सरकारी नौकरियों के चार लाख 58 हजार 808 पद ही स्वीकृत है और उसमें से 13462 पदों की कटौती कर दी गई है। 2 लाख 62 हजार पद ही भरे हुए है बाकी खाली है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ऐसा प्रदेश है जहां स्कूलों में टीचर नहीं, कालेज में प्राध्यापक नहीं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, गांवों में पटवारी नहीं, ग्राम सचिव नहीं, थानों में पुलिस नहीं। ऊपर से सरकार दावा करती है कि वह नौकरी देने में अन्य राज्यों से आगे है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि  अगर सरकार नौकरियों के लिए परीक्षा आयोजित करती है तो पेपर लीक हो जाता है और परीक्षा रद्द कर दी जाती है, आनन फानन में भेदभाव के साथ की गई नौकरियों की भर्ती कोर्ट में जाकर अटक जाती है। यानि सरकार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती बल्कि वह केवल नौकरी देने का नाटक कर रही है।


उन्होंने कहा कि सरकार का काम ठेका प्रथा को खत्म कर पक्की नौकरी देना है पर सरकार पक्की नौकरी खत्म कर ठेका पर काम करवाना चाहती है, जिसके लिए सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम की स्थापना की है जहां पर नौकरी के लिए न तो कोई पेपर होती है न ही कोई साक्षात्कार होता है और न ही मेरिट का ध्यान रखा जाता है। सिफारिश से युवाओं को नौकरी दी जा रही है। 


उन्होंने कहा कि  SKRN के माध्यम से RSS से जुड़े लोगों के बच्चों को ही रखा जा रहा है बाकी युवा बेरोजगारों की भीड़ में खड़ा अपने भविष्य को लेकर चिङ्क्षतत है। इससे साफ है कि सरकार जानबूझकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश में एचकेआरएन, एचएसएससी और एचपीएससी के भर्ती नियमों में अंतर है इनके पीछे सरकार की मंशा क्या है।

उन्होंने कहा कि  SKRN के माध्यम से RSS की ओर से भर्ती में कोई पारदर्शिता नहीं बरती जा रहा है परीक्षा होने से पूर्व ही पेपर लीक हो जाता है, पेपर सॉल्वर गैंग सरकार पर भारी पड़े हुए है फिर भी सरकार दावा करती है कि योग्यता और पारदर्शिता के आधार पर नौकरी दी जा रही है। पिछले चार सालों में प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में पीछे रही है। प्रदेश का युवा इस गठबंधन सरकार से परेशान हो चुका है और चुनाव की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि वोट की चोट से वह सरकार को सबक सिखा सके। अगर युवओं को सही समय पर सही मार्गदर्शन दिया जाए तो वह प्रदेश और देश की तरक्की मे अहम योगदान देता है।