सकट चौथ व्रत के दिन इस टाइम निकलेगा चांद, हरियाणा में महिलाओं ने श्री गणेश चतुर्थी व संकट चतुर्थी के उपलक्ष्य में रखा व्रत

 
mahendra india news, new delhi

17 जनवरी 2025 सकट चौथ हिंदू धर्म में हर वर्ष माताएं अपने संतान की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए सकट चौथ को निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। आज शुक्रवार का दिन महिलाओं के लिए खास होगा।

रणी चतुर्थी के उपलक्ष्य में व्रत रखा । महिलाओं ने सुबह नहा धोकर भगवान गणेश की कथा सुनी व सूर्य भगवान को अर्ध्य देकर व्रत का शुभारंभ किया। 


महिलाओं ने पूरे दिन व्रत रखकर शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अरध्य दिया। चोपटा क्षेत्र के गांव जमाल में व्रत के अवसर पर कथा सुनती देवरानी जेठानी प्रमिला व रेखा सहित गाँव कुम्हारिया में  सुनीता देवी, सुमन, गीता देवी , शकुंतला, संतोष, विमला, शर्मिला सहित सभी महिलाओं ने तिल, गुड़ व घी इत्यादि सामग्री से चंद्रमा व श्री गणेश भगवान की पूजा की।

 सकट चौथ हिंदू धर्म में हर वर्ष माताएं अपने संतान की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए सकट चौथ को निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।


ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए व्रत और उपवास रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन प्रथम पूजनीय देवता गणेशजी की पूजा-उपासना करती हैं। तिलकुट का प्रसाद बनाकर गणेशजी को अर्पित किया जाता है। इस दिन चंद्रदेव को अर्घ्य भी दिया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इसके बिना व्रत और पूजन अधूरा माना जाता है।

ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि मान्यताओं के मुताबिक, सकट चौथ का व्रत रखने से जिंदगी के सारे दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

चंद्रोदय का वक्त:सकट चौथ के दिन रात्रि 09 बजकर 20 मिनट चांद के निकलने का वक्त है। हालांकि, अलग-अलग जगहों पर चांद निकलने के समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है।

ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 17 जनवरी 2025 को सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर होगा और अगले दिन 18 जनवरी 2025 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 17 जनवरी 2025 को दिन शुक्रवार को सकट चौथ मनाया जाएगा। इस दिन शोभन और सौभाग्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दौरान धर्म-कर्म के कार्य शुभ फलदायी माने गए हैं।