राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: पराली प्रबन्धन सप्लाई चैन स्थापना के लिए 7 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन

 
mahendra india news, new delhi
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हरियाणा प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में धान फसल अवशेष आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

इन परियोजनाओं के लिए विभागीय पोर्टल डब्ïल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन पर 15 जुलाई तक आवेदन स्वीकार किए गए थे, लेकिन प्राप्त आवेदनों में कई अधूरे विवरण पाए गए। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अंतिम अवसर देते हुए पोर्टल को अब 7 अगस्त तक पुन: खोलने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान नए आवेदक आवेदन कर सकते हैं, जबकि पहले से आवेदन कर चुके आवेदक अपने आवेदन में आवश्यक सुधार या अपडेट कर सकेंगे।

सिरसा के सहायक कृषि अभियंता विजय कुमार जैन ने बताया कि वर्ष 2024-25 में डीएलईसी द्वारा अनुमोदित आवेदकों के लिए भी यह अनिवार्य होगा कि वे नए सिरे से आवेदन करें। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि केवल सीआरएम योजना दिशानिर्देश 2025 के अनेक्चर चार ए व बी में सूचीबद्ध मशीनें ही परियोजना लागत में सम्मिलित की जा सकेंगी और प्रति परियोजना अधिकतम तीन ट्रैक्टर ही अनुमोदित होंगे।

उन्होंने बताया कि अनुदान प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि आवेदक हरियाणा राज्य का निवासी हो तथा उसका उद्योग हरियाणा राज्य में स्थापित हो। साथ ही, आवेदन के साथ बैंक से सैद्धांतिक स्वीकृति, प्रोजेक्ट रिपोर्ट और प्रस्तावित मशीनों की क्षमता 3000 से 4500 मीट्रिक टन प्रति सीजन अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि पराली आधारित उद्योग, 100 प्रतिशत धान पराली उपयोग करने वाले उद्योग, तथा पराली एग्रीगेटर जिनके बीच में द्विपक्षीय समझौता हो और जो पिछले दो वर्षों से पराली का प्रबंधन एवं क्रय कर रहे हैं, उन्हें इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। इस परियोजना की लागत 1 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।