हरियाणा की नायब सरकार ने बदले तीन गांवों के नाम,गांवों के नाम बदलने की परंपरा पहली बार वर्ष 2015 में तब शुरू हुई जब...

 
हरियाणा की नायब सरकार ने बदले तीन गांवों के नाम,गांवों के नाम बदलने की परंपरा पहली बार वर्ष 2015 में तब शुरू हुई जब
mahendra india news, new delhi

हरियाणा में अभी भी कई गांव हैं, जिनको बताने में लोगों को शर्म आती है, प्रदेश में गांव के नाम बदलने का सिलसिला जारी है।  हरियाणा प्रदेश की नायब सिंह सैनी सरकार ने अपने सौ दिन के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के 3 गांवों के नाम बदल दिए हैं। हरियाणा में नाबय सरकार के सौ दिन पूरे होने पर जारी की गई पुस्तिका में इसका उल्लेख कर दिया गया है। 


आपको बता दें कि हरियाणा की नायब सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान यमुनानगर जिले के बिलासपुर का नाम बदलकर व्यासपुर रखा। इसके बाद भिवानी जिले के गांव दुर्जनपुर का नाम बदलकर अब सज्जनपुर रखा गया है। इसी प्रकार सोनीपत का गांव मोह दाबाद अब प्रेमसुख नगर के नाम से जाना जाएगा।

हरियाणा के सभी जिलों में गांवों तथा कस्बों के ऐसे शर्मनाक या विचित्र नाम देखे गए, इनके कारण गंाव के निवासियों को शर्म महसूस होती थी। मनोहर सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 17 गांवों के नाम बदलकर उन्हें नई पहचान दी।
मनोहर सरकार के इस अभियान का सबसे उल्लेखनीय मील का पत्थर गुड़गांव था, जिसका नाम 2016 में महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य, पांडवों के तीरंदाजी शिक्षक के साथ इसके संबंध को स मान देने के लिए गुरुग्राम रखा गया था।


हरियाणा प्रदेश में गांवों के नाम बदलने की परंपरा पहली बार वर्ष 2015 में तब शुरू हुई जब हरियाणा में फतेहाबाद जिले की 12 साल की छात्रा हरप्रीत कौर ने देश के पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उनके गांव का नाम गंदा है।
छात्रा गांव के नाम के कारण निवासियों को होने वाली शर्मिंदगी और अपमान की ओर आकर्षित किया था, जिसके कारण वह लोगों को गांव का नाम बताने से कतराते थे। इसके बाद पीएम कार्यालय ने इसका संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये। इसके बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने गंदा गांव का नाम बदलकर अजीत नगर रखा।