nipah virus: निपाह वायरस से केरल में खतरा, जानिए क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण और बचने के उपाय
mahendra india news, new delhi
कोविड के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। अब केरल के कोझीकोड में दो अप्राकृतिक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस का आशंका जताई जा रही है। वहां के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार दोनों मृतकों में से एक के रिश्तेदार को भी ICU में भर्ती कराया गया है। दोनों पीड़ितों को कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इसी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी की है। आपको बता दें कि निपाह वायरस के बारे में बताएंगे। यह वायरस 2018 में केरल के मलप्पपुरम जिले में पहली बार केस सामने आया था। इसके बाद 2021 में भी निपाह के केस सामने आए थे।
WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक nipah virus संक्रमण एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों के माध्यम से मनुष्यों में फैलती है। यह दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे लोगों के बीच भी फैल सकती है। फल चमगादड़ के कारण होती है. यह वायरस सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी घातक है. WHO ने कहा कि यह वायरस सूअरों जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। हालांकि nipah virus ने एशिया में केवल कुछ ज्ञात प्रकोपों का कारण बना है। आपको बता दें कि यह जानवरों की एक विस्तृत श्रृंखला को संक्रमित करता है और जनता में गंभीर बीमारी और मृत्यु की वजह बनता है।
नरमा में गुलाबी सुंडी, बीटी कॉटन निर्माता कंपनियों ने किसानों से किया किनारा
ये हैं निपाह वायरस के लक्षण
आपको बता दें कि निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को तीव्र श्वसन बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस निपाह वायरस के लक्षण कोविड-19 के समान हैं। खांसी, गले में खराश, चक्कर आना, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), नींदापन, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द, गर्दन में अकडऩ, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, मानसिक भ्रम और दौरे पडऩे लगते हैं।
इसके बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
इस निपाह वायरस का कोई निश्चित उपचार उपलब्ध नहीं है। लेकिन कोई भी सावधानी बरत सकता है जैसे कि भूमि पर गिरे फलों को खाने से बचना, सूअरों को खिलाने से बचना और फलों के चमगादड़ों को दूर रखना है।