अब नोएडा से लखनऊ के लिए सफर होगा बेहद आसान, बन रहे है एक साथ 2 एक्सप्रेसवे, घटेगी दूरी
New Expressway in UP: देशभर में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। वहीं जगह जगह सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिससे आमजन को सुविधा मिल सके। अब इसी कड़ी में गाजियाबाद-नोएडा से कानपुर तक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई गई है। इसी के साथ ही दूसरी ओर, कानपुर से लखनऊ के बीच भी एक एक्सप्रेसवे बन रहा है।
आपको बता दें कि एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद नोएडा से लखनऊ तक जाने के 2 रास्ते होंगे। देश की राजधानी दिल्ली और नोएडा को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने का कार्य बड़ी तेजी से किया जा रहा है।
आपको बता दें कि पहले ही उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया गया है और अब इस कड़ी में 2 और नए एक्सप्रेसवे जुड़ने वाले हैं। इन दोनों एक्सप्रेसवे के तैयार होने से नोएडा से लखनऊ जाने में लगने वाला वक्तअमूमन आधा हो जाएगा।
इसी के साथ ही दूरी भी 70 किलोमीटर से अधिक कम हो जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार और एनएचएआई एक नहीं, बल्कि 2-2 एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, जिसका फायदा लखनऊ के साथ कानपुर आने-जाने वालों को भी मिलेगा।
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने गाजियाबाद-नोएडा से कानपुर तक एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी कर ली है. दूसरी ओर, कानपुर से लखनऊ के बीच भी एक एक्सप्रेसवे बन रहा है। इसके बाद इन दोनों एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद नोएडा से लखनऊ तक जाने के 2 रास्ते होंगे। इसमें एक तो मौजूदा यमुना और आगरा एक्सप्रेसवे और दूसरा नोएडा से कानपुर और कानपुर से लखनऊ तक का एक्सप्रेसवे।
दोनों एक्सप्रेसवे की लंबाई
अब बात करें इनकी लंबाई की तो नोएडा और कानपुर के बीच 380 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बन रहा है। यह एक्सप्रेसवे 2026 तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई ने इसके लिए 90 फीसद भूूमि अधिग्रहण का कार्य भी पूरा कर लिया है। इसकी डिटेल रिपोर्ट सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है।
इसी के साथ ही दूसरी ओर, लखनऊ से कानपुर के बीच 63 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो 2025 की शुरुआत तक तैयार होगा। नोएडा से कानपुर के बीच 380 किमी और कानपुर से लखनऊ के बीच 63 किमी का एक्सप्रेसवे पार करने में कुल 443 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। नोएडा से लखनऊ की मौजूदा दूरी यमुना और आगरा एक्सप्रेसवे से करीब 511 किमी पड़ती है। इस तरह न एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह दूरी भी करीब 70 किमी कम हो जाएगी।