सीडीएलयू के प्रो. जोगिन्दर व डॉ संजू का स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, USA द्वारा जारी विश्व के श्रेष्ठ दो फीसद वैज्ञानिकों के आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन ड्यूरिंग कॅरियर 2024 की सूची में हुआ चयन 

 
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हरियाणा के सिरसा में बरनाला रोड स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के दो फैकल्टी सदस्यों का स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा जारी विश्व के श्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों के आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन ड्यूरिंग कॅरियर 2024 की सूची में चयन हुआ है। साल 2023 तथा अपने पूरे कॅरियर में विशेष शोध कार्य के लिए बायोटैक्नोलोजी विषय में प्रोफेसर जोगिन्दर दुहन व फूड साइंस टेक्नोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ संजू बाला ढुल का चयन इस वैश्विक प्रतिष्ठित सूची में हुआ है। 

सीडीएलयू के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने विश्वविद्यालय का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए दोनों प्राध्यापकों को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्राध्यापकों की इस उपलब्धि पर अन्य प्राध्यापकों, विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों में खुशी का माहोल है।  


प्रो. जोगिंदर का अनुसंधान में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव 
आपको बता दें कि प्रो. जोगिंदर सिंह दुहन, पीएच.डी. (माइक्रोबायोलॉजी) बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर और चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा, भारत में प्राणि विज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं, जिनके पास शिक्षण और अनुसंधान में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वे एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए यंग साइंटिस्ट अवार्ड के प्राप्तकर्ता हैं और सर्वश्रेष्ठ शोध के लिए के.के. नंदा पुरस्कार और कई अन्य सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के जर्नल में 130 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें यूजीसी और सीएसआईआर, नई दिल्ली से अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं मिली हैं। उन्होंने 15 एम.फिल. और 11 पीएचडी छात्रों के शोध कार्य का पर्यवेक्षण किया है।  

डॉ संजू बाला ढुल का 17 वर्षों से अधिक का शिक्षण एवं शोध अनुभव में
वहीं फूड साइंस विभाग की अध्यक्ष डॉ संजू बाला ढुल वर्तमान में चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, जिनके पास 17 वर्षों से अधिक का शिक्षण एवं शोध अनुभव है। उनकी रुचि के क्षेत्रों में स्टार्च और गोंद जैसे जैव अणुओं का लक्षण वर्णन एवं संशोधन, खाद्य फिल्मों, हाइड्रोजेल, नैनोकणों, नैनोइमल्शन की तैयारी एवं अनुप्रयोग, नए एवं शाकाहारी उत्पाद विकास तथा महिला एवं बाल पोषण शामिल हैं। उन्होंने 7 पुस्तकें (5 सीआरसी, 2 स्प्रिंगर), 130 से अधिक शोध/समीक्षा पत्र और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की विभिन्न पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 25 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।