रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के कार्यकारी राज्य महासचिव बने संदीप रंगा, कर्मचारियों की मांगों को लेकर मीटिंग में की गई चर्चा

 

mahendra india news, new delhi
सिरसा। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ की हाउस की मीटिंग मुख्यालय हिसार डिपो में हुई। मीटिंग की अध्यक्षता राज्य प्रधान जगदीप लाठर और संचालन राज्य महासचिव चमन स्वामी ने किया। राज्य  सरंक्षण दलबीर किरमारा ने मुख्य रूप से शिरकत की। मीटिंग में करोना काल में बिना चले किलोमीटर स्कीम की बसों का करीब 50 करोड़ रूपये की भुगतान राशि का कड़े शब्दों में विरोध किया गया।

जोकि रोडवेज कर्मचारियों की गर्दन पर आरी चलाने जैसा है, जबकि कोरोना काल के दौरान ये बसें रोड पर उतरी ही नहीं थी। हरियाणा रोडवेज में किलोमीटर स्कीम की 510 और 190 बसें हंै, जोकि शुरुआत में 26 रुपए 92 पैसे  प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाई गई थी, जो निजी ठेकेदारों की बस है। परंतु अब सरकार द्वारा कंपोजिट भुगतान के नाम बस बिना चले ही इनके खाते में 50 करोड़ रुपए की राशि डाल दी गई है। जो कि कर्मचारियों के साथ एक बधा मजाक है। यूनियन का यह भी कहना है कि क्या उस दौरान इन बसों पर तैनात चालकों को वेतन दिया गया था, जबकि रोडवेज कर्मचारियों ने अपने घर परिवार की चिंता किए बगैर


कोरोना जैसी महामारी में प्रवासी मजदूरों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया है और उनको कुछ देने की बजाय उनका डीए तक काट लिया। इसके अतिरिक्त राज्य महासचिव को कुछ महीनों के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना है और संगठन में सभी सदस्यों की सहमति से राज्य कार्यकारी महासचिव की जिम्मेदारी संदीप रंगा को दी गई। कार्यकारी महासचिव संदीप रंगा ने कहा कि वो हमेशा कर्मचारी और संगठन हित में काम करेंगे। इसके अलावा सरकार से मांग भी करते हंै कि खाली पदों पर भर्ती करे और निजीकरण पर रोक लगाई जाए। संगठन के वरिष्ठ उप प्रधान कुलदीप पाबड़ा और राज्य उप महासचिव दीपक हुड्डा, दर्शन जांगड़ा ने बताया कि सरकार अपने वायदे के अनुसार सभी खाली पदों पर प्रमोशन करे।

22 मई 2025 को महानिदेशक के साथ हुई बातचीत में जिन मांगों पर सहमति बनी थी, उनमें चालकों, लिपिकों, परिचालकों का पे ग्रेड बढ़ाने, चालक व परिचालकों को एक माह में 30 रात्रि ठहराव के भुगतान की पावर महाप्रबंधकों को देने, 2004 से पहले लगे चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने व पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने,चालक, परिचालक, निरीक्षक, उपनिरीक्षक व कर्मशाला के कर्मचारियों को मिलने वाले देय अर्जित अवकाश पूर्व की भांति एक वर्ष में 33 अवकाश देने व चालकों की पदोन्नति के लिए 194 पोस्ट अड्डा इंचार्ज बनाने ए कर्मशाला में ग्रुप डी के कर्मचारियों को कॉमन कैडर से बाहर करने और तकनीकी वेतनमान देकर सभी पदों पर पदोन्नति का लाभ देनेए 2008 के भर्ती परिचालकों को उपनिरीक्षक के पद पर शीघ्र से शीघ्र प्रमोशन करने 10 वर्ष के बकाया बोनस का भुगतान करने। चालक व परिचालकों के साथ झगड़े मामले में सख्त कार्यवाही नियम बनाने, सभी महाप्रबन्धकों को डिपो स्तर की मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यालय की ओर से जल्द पत्र जारी करने, लेखाकार व जुनियर ऐडिटर एएसए व अधीक्षक के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द प्रमोशन करने,

लिपिक की प्रमोशन में 12 साल की शर्त को घटाकर 8 साल करने का ठोस आश्वासन दिया गया था। मांगों को लागू नहीं करने पर रोडवेज कर्मचारियों में भारी रोष देखा गया। एचकेआरएन से लगे सभी कर्मचारियों को पक्का किया जाए, विभाग द्वारा भविष्य में पक्की भर्ती की जाए और उनके बकाया वेतन का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए, निजीकरण बंद कर विभाग में 10 हजार बसें शामिल की जाए, चालकों का वेतनमान 53100 परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35400 लागू करवाने आदि मांगों को लेकर सरकार से मांग की गई कि उपरोक्त सभी मांगों को लागू करें। मीटिंग में मुख्य रूप से राज्य कैशियर संदीप सिंघवा, कुलदीप पाबड़ा, चमन लाल स्वामी, सतवीर कड़वासरा, सतपाल खान, रामप्रताप, जयप्रकाश, रघुवीर, रमेश स्वामी, प्रवीण कुमार, प्रहलाद, मेनपाल, सुरेन्द्र चालक सहित अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।