SIRSA ब्रह्माकुमारी सेवा केन्द्र आनन्द सरोंवर में भाग्य और सफलता आपकी मुट्ठी में विषय पर सम्मेलन आयोजित
mahendra india news, new delhi
चौ. देवी लाल विश्व विद्यालय के उप कुलपति डा. विजय कुमार ने कहा कि बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर व्यक्ति की इच्छा होती हैं कि हम हर क्षेत्र में सफल बनें लेकिन इसके लिए हमें नैतिक मूल्यों से सम्पन्न बनना होगा क्योंकि व्यक्ति को भौतिक साधन नहीं बल्कि मूल्य ही मूल्यवान बनाते हैं। ये उदगार चौ. देवी लाल विश्व विद्यालय के उप कुलपति डा. विजय कुमार जी नें ब्रह्माकुमारी सेवा केन्द्र आनन्द सरोंवर में भाग्य और सफलता आपकी मुट्ठी में-- विषय पर आयोजित विशाल सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। उन्होंने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान पर अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि इस अभियान के फलस्वरूप होने वाली जागृति से आने वाला समय निश्चित ही सतोगुणी और सुंस्कृत होगा, और हम भारतवासी जब स्वयं में ईश्वरीय ज्ञान को धारण करेंगे तब हमारा देश फिर से विश्व गुरू बनेगा और विश्व कल्याण का कार्य भी सम्पन्न होगा।
कार्यक्रम के प्रमुख्य वक्ता, संस्था के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे योगीराज बी.के. सूर्य जी ने उक्त विषय पर दिव्य प्रेरणाएं देते ंहुए कहा कि जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितियों में भी मन को स्थिर रखना सीखें, जल्दी घबराएं नहीं क्योंकि जब एक द्वार बन्द होता है तो उससे भी अधिक सफलता प्राप्त कराने वालेे कई द्वार खुल जाते हैं, लेकिन उस द्वार तक पहुंचने के लिए स्वयं में आत्मविश्वास, आध्यात्मिक मूल्य और निर्भयता का विकास करना होगा
और अपनी मान्याताओं एवं दिनचर्या में आवश्यक परिवर्तन लाने होंगे। इसके साथ साथ उन्होंने कई प्रकार के मोटिवेशनल उदाहरण देते हुए नियमित मेडिटेशन के अभ्यास को जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जब हम पूर्ण निश्चय के साथ अपने अन्तर्मन में यह विचार गहरा धारण कर लेते हैं कि -- मैं बहुत शक्तिशाली हूं और सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें सफल होने से रोक नहीं सकती। उन्होंने सभा में उमंग भरते हुए कहा कि जब हम सर्वशक्तिवान परमात्मा पिता की सन्तान हैं तो हम उसके बच्चे मा. सर्वशक्तिवान है, इसलिए सुबह उठते ही जब पहला संकल्प यही करेंगे कि तो भाग्य और सफलता दोनों हमारे द्वार पर होंगी।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित हुए सी डी एल यू के रजिस्ट्रार डा. अशोक शर्मा जी ने वैज्ञानिक मापदण्ड के साथ चिन्ता, भय तथा नकारात्मक विचारों से प्रवाहित होने वाले रसायनों और शरीर पर उनके दुष्प्रभावों को सपष्ट किया और कहा कि मानव शरीर में पैदा होने वाले हार्मोन्स ही अधिकतर बीमारियों का कारण हाते है इसलिए हल्के और खुश रहकर जीवन की हर चुनौती का सामना करें। उन्होंने बताया कि शरीर में अगर हार्मोन्स अच्छे रिलीस हो रहे हैं तो शरीर की पाचन क्रिया हमेशा बेहतर कार्य करती है।
माउंट आबू से पधारी बी.के. गीता दीदी नें सभा में सकारात्मक विचारों की उर्जा के महत्व को बताते हुए कहा कि हम स्वयं को जैसा देखना चाहते हैं वैसे ही विचारों में रमण करें क्योंकि दुख के विचार जीवन में दुख को और सुख के विचार सुख को बढ़ाते है इसलिए भाग्य निर्माण के लिए विचारशक्ति का प्रयोग करें। उन्होंने सभा को सुन्दर एक्टिविटी के माध्यम से भी इसका अनुभव कराया और कहा कि हमारा अर्धचेतन मन हमारे विचारों के अनुरूप ही कार्य करता है।
आनन्द सरोवर प्रमुख्य राजयोगिनी बी के बिन्दू दीदी ने बी के सूर्य जी की संकल्पशक्ति के बारे में बताते हुए कहा कि सिरसा शहर में आनन्द सरोवर का निर्माण उनके ही शक्तिशाली संकल्पों का परिणाम है और इस परिसर में निर्मित विशाल हॉल को उन्होंने -- वरदानी हॉल-- नाम दिया है जो कि सिरसावासियों के लिए अमूल्य वरदान है।