सिरसा पुलिस ने फेसबुक पर फ्रेंडशिप कर करीब 40 हजार रुपए का चूना लगाने के मामले के दोनों आरोपियों को  दिल्ली से पकड़ा 

 
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हरियाणा में सिरसा के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण द्वारा गठित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन सिरसा की विशेष टीम ने बीती 21 जून को गांव पनिहारी के एक व्यक्ति के साथ हुई 40 हजार 500 रूपए की ऑनलाइन ठगी मामले में महत्वपूर्ण सुराग जुटा लिया। पुलिस ने सुराग जुटाते हुए एक महिला तथा उसके साथी सहित दो व्यक्तियों को दिल्ली क्षेत्र से काबू करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। 


जिला के पुलिस अधीक्षक विक्रांत  भूषण ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान ओकाफोर क्रिश्चियन उर्फ ओकाये इफेयानी कलेटस पुत्र ओकाफो तथा उसकी महिला साथी दिलचे बी संगमा पुत्री अरुण संगमा निवासियान उत्तम नगर, दिल्ली के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।  

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियो को सिरसा अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। उन्होंने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान दोनों आरोपियों की निशानदेही पर ठगी की राशि बरामद की जाएगी तथा इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 


सिरसा एसपी विक्रांत भूषण ने बताया कि पूछताछ जारी और पूछताछ के दौरान अन्य वारदातों के बारे में खुलासा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि इस संबंध में गांव पनिहारी निवासी राजकुमार पुत्र भगवान चंद  की शिकायत पर बीती 26 जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन सिरसा में ठगी का अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि इस घटना को सुलझाने के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की एक विशेष टीम का गठन किया गया था।

वारदात का तरीका  
सिरसा के एसपी विक्रांत भूषण ने बताया कि कि आरोपी ओको फोर ने षडयंत्र रचकर पीड़ित राजकुमार से फेसबुक पर लड़की बनकर एक फ्रेंडशिप स्थापित की। जिसके बाद फेसबुक के माध्यम से बातचीत जारी रखी तथा कभी-कभी अपनी साथी लड़की को वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित राजकुमार को दिखा देता था ताकि उसको कोई शक ना हो।  आरोपी ने कॉल करके पीड़ित को बताया कि वह भारत आ रही है। इसके बाद आरोपी ने दावा किया कि उसे एयरपोर्ट पर पुलिस द्वारा बड़ी मात्रा में डॉलर ले जाने के कारण रोका हुआ है ।उसके बाद पीड़ित को एक काल प्राप्त हुई, जिसमें कहा गया कि उसकी मित्र को हिरासत में लिया गया है, और उसके बैग को छोड़ने के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, तथा इस प्रमाण पत्र के लिए राजकुमार निवासी पनिहारी से आनलाइन फोन पे के माध्यम से 40,500 रूपए का भुगतान करने को कहा गया था, जो कि उसने बताए गए फोन पे पर पैसे डलवा दिए।