बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रदेश की आंगनबाड़ी केंद्रों में चलेगा विशेष अभियान 

महिला एवं बाल विकास विभाग स्थापित करेगा पोषण निगरानी हब
 

mahendra india news, new delhi
नौनिहालों को कुपोषण से बचाकर उनके बचपन को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाया जाएगा। इसी को लेकर देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग में निर्धारित किए गए मापदंडों को हरियाणा में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए haryana के Women and Child Development Department ने कमर कस ली है। इसी को लेकर विभाग द्वारा सभी जिलों के अतिरिक्त उपायुक्तों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गये हैं। 

सीधा किया गया संवाद 
पंचकूला में Women and Child Development Department द्वारा मिशन सक्षम आंगनवाडी और पोषण 2.0 पर राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिलों से आए अतिरिक्त उपायुक्त, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, पोषण अभियान से जुड़े कर्मचारियों के साथ सीधा संवाद किया गया।

Women and Child Development Department की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार ने कहा कि कुपोषण की खाई को पाटने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यालय स्तर पर पोषण निगरानी हब स्थापित करेगा। प्रदेश, जिला व खंड स्तर के अधिकारी चिन्हित क्षेत्रों के दौरे करते हुए लक्ष्यों के अनुरूप काम करेंगे। आंगनवाडी कार्यकर्ता से लेकर सुपरवाइजरों को पोषण के संदर्भ में क्षमता निर्माण ऑनलाइन सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसकी जिला स्तर पर अतिरिक्त उपायुक्त व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निगरानी करेंगे।

उन्होंने बताया कि Women and Child Development Department द्वारा तैयार किए जा रहे पोषण निगरानी हब पोषण ट्रैकर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कुपोषण के शिकार बच्चों, महिलाओं को चिन्हित करेंगे। इसके बाद कुपोषण महिलाओं, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर लाभार्थी के घर तक निगरानी करना सुनिश्चित किया जाएगा। यही नहीं योजनाबद्ध तरीके से गांव की साफ-सफाई, पोषण दिवस से लेकर समुदाय आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार, प्रदेश, जिला से लेकर खंड स्तर के अधिकारी लक्ष्य आधारित फील्ड विजिट करेंगे, जो अलग-अलग आंगनवाडी केंद्रों के लाभार्थियों से मुलाकात करते हुए उनके पोषण स्तर में हो रही बढोतरी की वास्तविकता को जानेंगे और जरूरी दिशा-निर्देश देंगे। इस पूरी प्रक्रिया की दैनिक और साप्ताहिक आधार पर समीक्षा बैठक तीन स्तर पर की जाएगी।

Women and Child Development Department की निदेशक मोनिका मलिक ने कहा कि राज्यस्तरीय कार्यशाला के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए रोडमैप मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि 9 लाख 18 हजार बच्चों, 2 लाख 77 हजार गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं में कुपोषण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। इस अवसर पर Women and Child Development Department की संयुक्त निदेशक राजबाला कटारिया, संयुक्त निदेशक पूनम रमन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।