ग्रीन पटाखों को छोडक़र सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर रहेगा प्रतिबंध
जिला प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध 20 अक्टूबर से 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या जैसे विशेष अवसरों पर ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति होगी, लेकिन केवल सीमित समय के लिए।
जिलाधीश शांतनु शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163, विस्फोटक अधिनियम 1884 व विस्फोटक नियमों के तहत व अन्य प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 20 अक्टूबर से 31 जनवरी 2026 तक यह प्रतिबंध लगाया है। इस दौरान ग्रीन पटाखों को छोडक़र सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोडऩे एवं उपयोग पर तथा आतिशबाजी में बेरियम सॉल्ट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि इससे वायु/ध्वनि प्रदूषण एवं ठोस कचरे की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है।
आदेश के अनुसार, दिवाली या गुरुपर्व जैसे किसी अन्य त्यौहार के लिए, पटाखे फोडऩे का समय रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही होगा। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर, जब आधी रात के आसपास ऐसी आतिशबाजी शुरू होती है, तो यह रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक चलेगी। इसके अलावा ई-कॉमस वेबसाइटों फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि कंपनियों पटाखों के ऑनलाइन आर्डर स्वीकार नहीं कर सकती। आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।