राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तहत विज्ञान अध्यापकों को कार्यशाला में दिया गया यह ज्ञान
mahendra india news, new delhi
हरियाणा के सिरसा शहर में बेगू रोड स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शुक्रवार को 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तहत सरकारी और प्राइवेट विद्यालयों के विज्ञान अध्यापकों की कार्याशाला का जिला विज्ञान विशेषज्ञ डा. मुकेश कुमार, जिला समन्वयक चन्द्र प्रकाश और शैक्षणिक समन्वयक नवीन कुमार सिंगला के नेतृत्व में आयोजन किया गया।
इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना है। साथ ही पांच पांच उपविषयों अपने पारिस्थितिकी तंत्र को जानना, स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और संस्कृति प्रथाएं, आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण व पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार को शामिल किया गया है।
कार्यशाला के दौरान जिला समन्वयक चन्द्र प्रकाश प्रवक्ता जीव विज्ञान डाइट डिंग ने अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम की पूरी रूप रेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करनेए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने एवं उनकी कल्पना को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) DST भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 10 से 17 आयु वर्ग के बच्चे अपनी सहभागिता कर सकते हैं। सरकारी व निजी दोनों ही शैक्षणिक संस्थानों के बच्चे विज्ञान आधारित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में अपनी सहभागिता दे सकते हैं।
शैक्षणिक समन्वयक नवीन कुमार सिंगला ने रिपोर्ट राइटिंग के विभिन्न चरणों के बारे में पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुती दी।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तहत प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा, जिसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले 10 से 17 आयु वर्ग के बाल वैज्ञानिक अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
-डा. मुकेश कुमार, जिला विज्ञान विशेषज्ञ सिरसा।