वायु प्रदूषण को नियन्त्रित करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकारों को मिल कर कदम उठाने होंगे डा. ढींडसा

पंजाब और हरियाणा पराली जलाने के मौसमी खतरे से जूझ रहे है
 

mahendra india news, new delhi

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ सिरसा के महानिदेशक Dr. Kuldeep Singh Dhindsa ने बताया कि आज पंजाब और हरियाणा पराली जलाने के मौसमी खतरे से जूझ रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और उसके आसपास वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) से रिपोर्ट मांगी है। 


सर्दियों के मौसम के दौरान दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण प्राय: बढ़ जाता है इसी कड़ी में सीएक्यूएम ने पिछले सप्ताह क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में अचानक गिरावट की सूचना दी थी। दिल्ली का air quality index खराब श्रेणी में प्रवेश कर रहा है। नतीजतन, जीआरएपी का पहला चरण शुरू हुआ, जिसमें आयोग ने एनसीआर में अधिकारियों को होटल और रेस्तरां में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और थर्मल पावर प्लांटों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया।

Dr. Kuldeep Singh Dhindsa ने कहा कि दिल्ली-NCR में फसल अवशेष जलाने से अक्टूबर-नवंबर के दौरान वायु प्रदूषण सामयिक रूप से बढ़ जाता है, लेकिन कई सहायक कारक हैं जो पूरे वर्ष बने रहते हैं। इनमें सड़क यातायात, निर्माण और विध्वंस स्थलों पर चल रहे काम और विभिन्न उद्योगों द्वारा पेट्रोलियम कोक का उपयोग शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में CQM से अत्यधिक प्रदूषणकारी पेट्रोलियम कोक के आयात और वितरण पर समग्र दृष्टिकोण अपनाने को कहा था ताकि उद्योगों की जरूरतों और स्वच्छ पर्यावरण की अनिवार्यताओं के बीच संतुलन बनाया जा सके। इसके लिए राज्य सरकारों को भी पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सक्रिय होने की जरूरत है।    

Dr. Kuldeep Singh Dhindsa ने बताया कि हरियाणा में अधिकारी गलती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही आदतन उल्लंघनकर्ताओं का एक डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है। ताकि उनके विरुद्व उचित कार्यवाही की जा सकें। लोगों के स्वास्थ्य की खातिर केंद्र और विभिन्न राज्यों को निकट समन्वय से काम करने की जरूरत है। खास कर जब सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार कहा है कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार अनुच्छेद के तहत जीवन के मौलिक अधिकारों  का हिस्सा है। Dr. Kuldeep Singh Dhindsa ने जनता से अपील की कि लोगों को प्रदूषण रहित वातावरण प्रदान करने में सक्रिय सहयोग दें।