chanakya policy: जिंदगी आपको चाहिए सुख और शांति तो इन 4 चीज़ों से रहे दूर, कभी नहीं होंगे असफल
mahendra india news, new delhi
चाणक्य की नीति आदमी को सफल बना देती है। समय के अनुसार व्यक्ति को चाणक्य नीति के अनुसार चलना होगा। आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में बताया है कि व्यक्ति को सुखी जीवन के लिए हमेशा अच्छे काम करना चाहिए। जो व्यक्ति सच्चाई और अच्छाई का मार्ग छोड़ कर कल-छपट, दिखावा को अपना लेते हैं तो ऐसे लोग न तो जीवन में खुश रह पाते हैं न ही जीवन में उन्हें सफलता मिलती है।
आपको बता दें कि उन्हें हमेशा कोई न कोई भय और परेशानी घेरे रहती है। चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए।
क्रोध न करें
आपको बता दें कि चाणक्य कहते हैं क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। क्रोध मनुष्य को धीरे-धीरे खा जाता है। क्रोध करने वाले वाला व्यक्ति कभी सम्मान प्राप्त नहीं करता है। जो आदमी ज्यादा क्रोध करता है वह क वक्त एक समय के बाद अकेला हो जाता है।
कभी भी दिखावा न करें
आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य कहते हैं जो आदमी दिखावा करता है उसके जीवन में कभी शांति नहीं रहती हैं। ऐसे लोग हमेशा दूसरों से प्रतिस्पर्धा में व्यस्त रहते हैं, इसका न तो कोई अंत होता है और न ही को महत्व। जो बाद में उसके लिए परेशानी का कारण बनती है। इसलिए जितना हो सके दिखावा से बचना चाहिए।
कभी भी आलस न करें
बता दें कि आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में आलस से दूर रहने का संदेश दिया है। क्योंकि आलस आदमी की प्रतिभा को नष्ट कर देता है। आलसी आदमी को मालूम भी नहीं चलता और वह अपने लक्ष्य से दूर होता चला जाता है। इसलिए आलस को कभी पास न आने दें, इससे दूर रहने में ही सबकी भलाई है।
अहंकार न करें
चाणक्य के मुताबिक व्यक्तिको अहंकार से बचना चाहिए। अहंकार आदमी का सबकुछ छीन लेता है, लक्ष्य, रुपया-पैसा, रिश्ता आदि। इतना ही नहीं अहंकार व्यक्ति को सच्चाई से दूर कर देता है। अहंकारी व्यक्ति खुद को सबसे श्रेष्ठ समझने की भूल कर बैठते हैं। जिस कारण लोग उनका साथ छोडऩे लगते हैं और आगे चलकर इन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।