शाह सतनाम गर्ल्स स्कूल ने संत गुरमीत सिंह को समर्पित किए स्कूल को मिले 28 शिक्षा अवार्ड

संस्थान में 85 इंटरनेशनल और 800 नेशनल प्लेयर
 

mahendra india news, sirsa संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा शिक्षा जगत को अपना संबल देने के लिए शिक्षा के जिन उच्च आदर्शो के लिए शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल सिरसा की 1994 में स्थापना की थी, स्कूल उन पर खरा उतर रहा है। बालिका स्कूल में दी जा रही आदर्श मानदंडों की गूंज आज संपूर्ण शिक्षा जगत में गूंज रही है। इसी के तहत शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल को साल 2017 से 2022 तक एक-दो नहीं बल्कि अलग-अलग 28 अवार्ड बेहतरीन शिक्षा के लिए मिले है। संस्थान में 85 इंटरनेशनल और 800 नेशनल प्लेयर दिए हैं। 

समर्पित किए अवार्ड
इन सभी अवार्ड को स्कूल की प्रधानाचार्या डा. शीला पूनिया इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में जाकर अपने पापा गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को समर्पित किए। वहीं पूज्य गुरु जी ने भी प्रधानाचार्या सहित समस्त स्टाफ सदस्यों को अपना पावन आशीर्वाद दिया और उनके कार्यों और पढ़ाने के तौर-तरीकों की सराहना की। साथ ही पूज्य गुरु जी ने ये सभी अवार्ड बेपरवाह जी को समर्पित करते हुए फरमाया कि जिनका यह अवतार महीना चल रहा है, उन्होंने ही यह स्कूल बनाने का ख्याल दिया था। इसलिए ये अवार्ड हमें उन्हें ही समर्पित करते है। क्योंकि स्कूल ने यह अवार्ड हमें दिए है और हम अपने एमएसजी दाता रहबर शाह सतनाम, शाह मस्तान जी को समर्पित करते है।
            


इंसानियत की जिंदा मिसाल है
पूज्य गुरु जी ने शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल को अवार्ड देने वाले संस्थानों की सराहना करते हुए फरमाया कि जिन्होंने भी स्कूल को ये अवार्ड दिए है, वो वास्तव में इंसानियत की जिंदा मिसाल है। क्योंकि आज के समय में अच्छाई और नेकी को अवार्ड करना ये अपने आप में दिल गुर्दे की बात है। जिन्होंने भी ये अवार्ड दिए है हम उन सबको आशीर्वाद देते है। क्योंकि उन्होंने उस सच को पहचान के उसको अवार्डिड किया है।

 पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि पुराने समय में हम बहुत कथा कहानियां सुनी है कि जो अच्छा कर्म करता था उसे गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया जाता था, लेकिन आज के समय में जो इतने बड़े-बड़े काम सच्चे करते है उन्हें कोई अवार्ड नहीं देता, लेकिन जो इन्हें अवार्ड दे रहा है वो बेमिसाल है। उन सभी को साधुवाद कहते हैं और भगवान उन्हें खुशियां जरूर दें। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमने लड़कियों के स्कूल की स्थापना किसी बिजनेस व्यापार के लिए नहीं की। इसके पीछे हमारा एक ही मकसद था कि लोग गांवों में उस समय अपनी बेटियों को पढ़ाते नहीं थे और बेटी को घर के काम धंधे में लगा देते थे। 


जिसका हमें बहुत दर्द होता था कि हमारे बेटियां पढ़ नहीं पाती थी। फिर 1994 में सिरसा में शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की स्थापना की। लड़कियों का स्कूल अपने आप में बेमिसाल है। पूज्य गुरु जी ने बताया कि एक बार गल्र्स स्कूल कॉलेज में निरीक्षण के लिए उच्च अधिकारी पहुंचे थे जो यहां की लड़कियों के संस्कारों को देखकर हैरान रह गए थे। जब लड़कियों ने उनके पांव छू तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए और बोले शायद हम किसी ओर दुनिया में आ गए है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि इन शिक्षण संस्थानों में पढक़र बच्चे आज कोई इंजीनियर तो कोई डॉक्टर तो कोई बड़े प्रशासनिक पदों पर बैठा है। सभी ने बहुत ज्यादा तरकियां की है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि स्कूल कॉलेज खोलने के समय हमने जो सोच रखी थी उस पर सभी खरें उतर रहे है।

स्कूलों में मिलती है गुरुकुल जैसी शिक्षा
गुरु जी ने फरमाया कि शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में गुरुकुल जैसी शिक्षा दी जाती है। बच्चे नशा नहीं करते, होस्टल में रहने वाले बच्चे टीवी नहीं देखते और ना ही उनके पास कोई फोन होता है। स्कूलों में बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ प्रतिस्पर्धा की तैयारी भी करवाई जाती है। खेलों में भी एशिया कप सहित गोल्ड मेडल जीते हुए है। इसके अलावा संस्थान में 85 इंटरनेशनल और 800 नेशनल प्लेयर है। साथ में संस्थान के पांच खिलाडिय़ों को भीम अवार्ड भी मिल चुका है, जोकि बेमिसाल बात है।