Test result: दसवीं व 12वी में कम नंबर आये परेशान मत होना बच्चो नरेंद्र यादव 

भविष्य आपका भी उज्ज्वल है
 

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सी बी एस सी ने दसवीं और बाहरवीं के परिणाम घोषित किये। इसी के साथ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जल्द ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। अगर किसी भी विद्यार्थी के 100 प्रतिशत नम्बर नहीं आये, इस बात की मुझे बहुत खुशी हुई कि कम से कम इस बार का रिजल्ट बेहतरीन रहा, अब आप सोंच रहे होंगे कि मैं कितना बेवकूफ हूँ कि कम नम्बर आना कौन सी खुशी की बात है बल्कि ये तो दुख की बात है। 

जिनके कम नम्बर आये है
प्रिय दोस्तो, नम्बर कम आये या ज्यादा आये, इससे क्या फर्क पड़ रहा है , कम से कम उन बच्चों के लिए तो ठीक जिनके कम नम्बर आये है, और सी बी एस सी ने एक और बेहतरीन काम किया है उन्होंने इस बार कोई मेरिट वगैरा भी घोषित नही की है। अब आप सोंचो की लाखों बच्चे एग्जाम में बैठते है सभी एक जैसे अंक तो लेकर आ नही सकते, किसी के कम आएंगे ,और किसी के ज्यादा आएंगे, जिसके ज्यादा आएंगे तो हम ये समझें कि उन्हौने अपने जीवन मे कुछ बदलाव कर दिया या सिर्फ ज्यादा रटा मार लिया होगा। 


98 प्रतिशत अंक आ गए है
अब जिनके ज्यादा नम्बर आ गए तो उनके मातपिता, उनके चाचा, उनके मामा, उनके और कोई रिश्तेदार प्रचार कर रहे है कि आ हमारे बेटे, हमारे भतीजे, हमारे भांजे के 98 प्रतिशत अंक आ गए है। और जिनके कम नम्बर आये है उनके सिर्फ मातपिता परेशान है, वो इस लिए परेशान नही है कि उनके कम नम्बर आये है वो इस लिए परेशान है कि जिनके बच्चो के ज्यादा नम्बर आये है वो सब जगह बखान कर रहे है , वो मिठाई खिलाने आ रहे है और उन्हें चिढ़ा रहे है। 


ऐसा नही है कि उनके बच्चो ने कोई बहुत बड़ा तीर मार दिया है, ऐसा भी नही है कि ये जीवन का आखिरी इम्तिहान था। परन्तु दूसरे बच्चे जो उनके साथ पढ़ रहे थे उनको तखलिफ़ देने के लिए , उन्हें प्रताड़ित करने में लिए , ऐसा करते है। क्यों कि दोस्तो ये तो दुनिया की रीत है कि कोई तभी आनंदित होता है जब सामने वाला दुख में हो , अगर सामने वाला भी खुश है तो पहले वाले कि खुशी खत्म हो जाती है। दूसरा परेशान है तो आनंद दुगना होता है ये ही तो प्रताड़ना का फंडा है। 

पता नही रटे मारने से क्या
पता नही ये नम्बरो की दौड़ कहाँ रुकेगी, पता नही इन नम्बरो से क्या होता है, पता नही रटे मारने से क्या कोई दुनिया बदलने वाला बन जाता है। मैंने तो कोई ऐसा बच्चा नही देखा जिसने दसवीं व बाहरवीं में ज्यादा नम्बर लिए हो और उसने कोई मानव कल्याण की नई खोज की हो। कितने ऐसे वैज्ञानिक हुए है जिसने हमे कितनी बड़ी बड़ी खोज की , शायद वो तो दसवीं बाहरवीं पास भी नही थे, थॉमस अल्वा एडिसन दोस्तो कितना पढा था, ऐसे बहुत महान पुरुष है जिन्हने दुनिया को नई खोज दी, परन्तु उनके नम्बर ज्यादा नही आये। कितने ऐसे लोग हुए जिन्होंने ईमानदारी का पाठ पढ़ाया, सेवा की शिक्षा दी, संवेदना की शिक्षा दी, करुणा दया का पाठ पढ़ाया, परिश्रम का पाठ बढ़ाया, बलिदान की शिक्षा दी , दोस्तो उन्होंने दसवीं और बाहरवीं में ज्यादा अंक नही लिए थे, उनके इन परीक्षाओं में 98 प्रतिशत अंक नही आये थे।


सिविल सर्विस में नही जाएंगे 
अपने बच्चों को मत कोसो, अपने बच्चों को मत प्रताड़ित करो, क्या हो जाएगा वो इंजीनियर डॉक्टर वकील नही बनेंगे तो क्या हो जाएगा वो सिविल सर्विस में नही जाएंगे तो, अरे एक बहुत बड़ा विकल्प उनके सामने भी उनका स्वागत कर रहा है राजनीति का क्षेत्र, मैं चाहता हूँ कि कुछ बच्चे केवल राजनीति को अपने भविष्य के रूप में देखे अगर ये नही तो बड़े बड़े बिज़नेस के रास्ते खुले है, आपके सामने बड़े बड़े व्यवसाय के रास्ते खुले है।   

अपने बच्चों को इन नम्बरो की दौड़

मैं उन मातापिताओं को पहले कहना चाहता हूँ कि दूसरो की देखा देखी, अपने बच्चों को इन नम्बरो की दौड़ में शामिल मत करो, इससे की फायदा होने वाला नही है। अगर बच्चे खुश रहेंगे तो कुछ न कुछ तो कर लेंगे। अच्छा एक बात बताओं की कभी आपके पेरेन्ट्स ने भी आपको ऐसे ही चूहा दौड़ में दौड़ने के लिए कहा था शायद नही कहा होगा क्यों कि पहले वाले लोग बच्चो को अच्छे संस्कार देने में विस्वास करते थे , नम्बरो की दौड़ नही लगवाते थे।

जिन्हौने कुछ बड़ा करना है

नम्बरो की दौड़ केवल रटा लगाने वालों की लिए सुखद हो सकते है, जिन्हौने कुछ बड़ा करना है उनके लिए नम्बर्स कोई मायने नही रखते।चलो मुझे बताओ जिसने इस दुनियां को बल्ब दिया, लाइट दी, वो कितने पढ़े लिखे थे, बिल गेट भी कभी फेल हुए है, अल्बर्ट आइंस्टीन भी कभी तो फेल हुआ है जितने भी संसार के बड़े लोग हुए है उनके नम्बर ज्यादा नही आये। मैं सभी बच्चो से जिन्हौने दसवीं, बाहरवीं की परीक्षा दी थी और ज्यादा अंक नही आये या कंपार्टमेंट आई हो या फिर फेल हो गए है तो कृपया जिंदगी को कोई नुकसान नही पहुंचाना, क्यों कि बच्चो जीवन से बड़ा कुछ भी नही है जीवन रहेगा तो पता नही तुम इस देश के माननीय राष्ट्रपति बन जाओ, क्या पता आप इस देश के माननीय प्रधानमंत्री बन जाओ, हो सकता है


आप आगे चल कर इतना परिश्रम करो कि आप कोई बड़े अधिकारी बन जाओ, जो सकता है कि आप कोई मंत्री, मुख्यमंत्री बन जाओ। जीवन रहेगा तो भगवान आपको कुछ और बड़ा देगा , ये सदैव ध्यान रखना। प्रिय युवा दोस्तो , भगवान ने हर व्यक्ति के लिए लिखा है कि उसे क्या बनना है, कई बार हम हताश हो जाते है और धीरज खो देते है , कभी भी ये नही सोंचते की अगर आप छोटे छोटे लाभ में फंस गए तो फिर बड़ा जो आपको भाग्य मिलने वाला है।वो आपको कैसे मिलेगा। इसलिए परिश्रम करो और धर्य रखो तथा कमजोर नही पड़ना, कभी भी किसी से प्रताड़ित नही होना , अपने को कमजोर मत समझना, आपको भी सब कुछ मिलेगा, देर आएगा लेकिन दुरुस्त आएगा।
लेखक नरेंद्र यादव, उपनिदेशक, नेहरू युवा केंद्र, हिसार व राष्ट्रीय जल पुरस्कार विजेता