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हरियाणा प्रदेश सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों पर किया एस्मा लागू, आधिकारिक लेटर भी जारी

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Haryana government invokes ESMA against striking doctors, official letter also issued
mahendra india news, new delhi

 हरियाणा प्रदेश के सभी सामान्य अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सक आज मंगलवार 9 दिसंबर को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। हरियाणा प्रदेश सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों पर एस्मा लागू कर दिया है। इसके लिए राज्यपाल की ओर से आधिकारिक लेटर भी जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में गंभीर रूप से बीमार और अन्य रोगियों की देखभाल सुनिश्चित करने और आम जनता को जरूरी चिकित्सा सेवाएं बिना किसी रुकावट के देने के लिए, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर या अन्य कर्मचारी कोई भी हड़ताल नहीं कर सकते।

हरियाणा प्रदेश के राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया है कि रोगी देखभाल और जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता बनाए रखना जनहित में जरूरी है। इसलिए धारा 4(क)(1) के तहत अगले छह महीने तक स्वास्थ्य विभाग के सभी डॉक्टर और कर्मचारी किसी भी प्रकार की हड़ताल नहीं कर सकते।

 हरियाणा चिकित्सा सेवा संघ (॥ष्टरूस््र) के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर 2 दिन का सामूहिक अवकाश लिया हुआ है। इसी बीच प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा है कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है। यह मानवता की सेवा का पेशा है। इससे पहले भी डॉक्टरों की कई मांगें हरियाणा सरकार ने पूरी की हैं। वर्तमान में हमारे मंत्री और अधिकारी उनसे बातचीत कर रहे हैं। उनकी सभी बातों को सुना जाएगा।

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स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा...
हरियाणा प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि हमने कई जगहों से डॉक्टर्स तैनात किए हैं। एनएचएम, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, डीएनबी विद्यार्थी और आयुष्मान विभाग के डॉक्टरों को ओपीडी की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश के अंदर सभी जगह ओपीडी या इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं।


हरियाणा सरकार ने उनकी कई मांगें मानी हैं, जो मान सकते थे, उनको मान लिया गया है। जो मांग है उन पर चर्चा हो रही है। जल्द ही डॉक्टरों से बात करेंगे। अगर नतीजे पर पहुंचते हैं तो बहुत जल्द हड़ताल खत्म हो जाएगी।


एचसीएमएसए के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि उनकी तरफ से कई बार बातचीत के माध्यम मामले को सुलझाने का मौका दिया जा चुका है। काफी वक्त से इन मांगों की तरफ से किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब हड़ताल के दौरान आने वाली मुश्किलों को लेकर एसोसिएशन नहीं बल्कि सरकार जिम्मेदार होगी।


 
हरियाणा प्रदेश के चिकित्सकों की दो मांगें
पहली सीधी सीएमओ (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) की भर्ती रोकना।
-पहले से ही स्वीकृत किए गए संशोधित संवर्धित सेवा संवितरण (एसीपी) संरचना की अधिसूचना जारी करना।