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शिव की कृपा से स्त्री की कोख और पुरूष की जेब कभी खाली नहीं रह सकती: पंडित प्रदीप मिश्रा

शिव पुराणकथा कथा श्रवण की तो  शिव और पार्वती अपनी उपस्थिति का अहसास जरूर करवाते हैं
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शिव पुराणकथा कथा श्रवण की तो  शिव और पार्वती अपनी उपस्थिति का अहसास जरूर करवाते हैं

mahendra india news, new delhi
सिरसा की श्री तारा बाबा कुटिया में प्रवचन करते हुए सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था हो हो भोले शंकर स्त्री की कोख और पुरूष की जेब कभी खाली नहीं रखता, क्योंकि  शंंकर  बाबा को पता है कि जिस स्त्री को संतान सुख न  मिला हो  और जिस  पुरूष की जेब खाली हो उन्हें समाज में बहुत कुछ सुनना पड़ता है और धुत्कारे जाते हैं। यहीं वजह है कि शिव के दर से कोई खाली नहीं जाता।


पंडित मिश्रा श्री बाबा तारा जी कुटिया परिसर में मंगलवार को सत्संग पंडाल में आयोजित श्री गुरू शिव पुराण कथा के तीसरे दिन देशभर से आए लाखों  श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। सबसे पहले पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज, विधायक गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा और परिवारजनों ने पूजा अर्चना की। कांडा बंधुओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज जी से आशीर्वाद लिया। 

SIRSA के विधायक गोपाल कांडा ने कथा स्थल पर पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। कथा में विधायक गोपाल कांडा के समधि दिल्ली के प्रख्यात उद्योगपति सुभाष गोयल, उनके भाई त्रिलोकचंद गोयल, राजेश मंगला ने सपरिवार  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज से आशीर्वाद लिया। इससे पूर्व भजन मंडली ने श्री गणेश वंदना की और बाद में श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया। विधायक गोपाल कांडा ने कथा स्थल पर पहुंचे गीता मनीषी महामंडलेेश्वर ज्ञानाचंद ही महाराज और कथा वाचक  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज को नमन करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत बड़ा दिन है कि श्री बाबा तारा जी की तपस्थली पर दो दो महान संत आए हुए है। ज्ञानानंद जी महाराज पूरे विश्व में गीता के ज्ञान का बरसात कर रहे हैं। दो से चार मार्च तक श्रीलंका में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। पीएम श्री लंका की संसद में गीता स्थापित करेंगे।

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आध्यात्म की दिव्य धरा है श्री बाबा तारा जी की तपोस्थली:ज्ञानानंद महाराज
गीता मनीषी महामंडलेेश्वर ज्ञानाचंद ही महाराज कथास्थल पर पहुंचे जहां पर उन्होंने व्यासपीठ और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज को नमन किया। इस मौके पर ज्ञानानंद जी महाराज ने  आध्यात्म  की दिव्य धरा और परम संत श्री बाबा तारा जी की तपोस्थली को नमन करते हुए कहा कि श्री तारकेश्वरधाम भारत की संत परंपरा की गरिमा हैं। यहां आकर दिव्य शक्ति का अनुभव होता है और ये संयोग है कि शिवभक्त श्री बाबा तारा जी की तपोस्थली पर शिव महापुराण कथा पहली बार हो रही है, आज सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज से मिलना हुआ।  उन्होंने कहा कि सनातन सत्ता तक शिव की महिमा को  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने पहुंचाया है।  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज समता, समरसता, सदभाव का संचार कर रहे हैै।  जिन पर भगवान शिव की कृ पा होती है उन्हें ही शिवपुराण कथा श्रवण का मौका मिलता है, श्री बाबा तारा जी के आशीर्वाद और विधायक गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा के माध्यम से यह सुअवसर सिरसा ही नहीं प्रदेश वासियों को मिला है।


आपको बता दें कि कथा वाचन करते हुए सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि माता-पिता, संत, साधु, शिक्षक, गुरू को जिसने पहचान लिया उसकी जिंदगी में चार चंाद लग जाते हैं पर इनको जानना कठिन है, इनको जानने के लिए स्वयं को अर्पित करना होगा, संत का जीवन और गुरू का जीवन ही जन कल्याण के लिए होता है। अपने जीवन में ऐसा गुरू रखो जिससे हम ज्ञान हासिल कर सके जो हमे अज्ञान से बाहर निकाल सके  और हमारे जीवन का कल्याण कर सके। उन्होंने कहा कि धर्मपत्नी अपने आप में धर्म होती है जिसके माता पिता के संस्कार जितने प्रबल होंगे उसकी बेटी उतनी संस्कारवान होगी। उन्होंने कहा कि दुख जब भी  आता है जीवनक ेा निखारने के लिए ही आता है। जब भी शिव तुम्हें कष्ट देते है तो समझ लेना तुम रेस के घोड़े हो और शिव तुम्हें जीवन में बहुत आगे ले जाना चाहते थे।

अच्छे कर्मो से ही मिलता है संत का साथ
कुटिया में पहुंचे पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि ऋषि, संत, महात्मा, गुरू, साधु और तपस्वी के दर्शन और उनक ा साथ ऐसे ही नहीं मिलता, पिछले जन्म में किए गए सदकर्म के फल स्वरूप ऋषि, संत, महात्मा, गुरू, साधु और तपस्वी के दर्शन और उनक ा साथ मिलता है। उन्होंने कहा कि जब भी आप भोजन कर रहे तो तो थाली पर कभी रोना नहीं चाहिए, प्रेम और प्रसन्नता के साथ भोजन करना चाहिए। खाना हमें उसी प्रकार का फल, शक्ति देता है जैसा हमारे खाने के समय स्वभाव था। ध्यान टीवी पर नहीं भोजन पर होना चाहिए। इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज  जी ने भजन- लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा, तुम्हें अपना बना बैठे जो होगा सो देखा जाएगा सुनाया तो पंडाल में बैठे श्रद्धालु झूम उठे। उन्होंने कहा कि पत्नी ब्यूटी पार्लर में जाकर सुंदर नहीं बनती और न ही बलवान होती है, जिस दिन पति उसका सम्मान करने लगे और उसे इज्जत दे उसी दिन पत्नी स्वयं को सबसे सुंदर और बलवान मानती है।

मंंदिर की माचिस से दीपक जलाने वालों को कभी व्रत का लाभ नहीं मिलता
पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि जो लोग व्रत रखते है और मंंदिर में जाकर मंदिर की माचिस उठाकर दीपक जलाते हैं उनका पूजा पाठ कभी नहीं लगता, मंदिर के लोटे से ही शिव लिंग पर जलाभिषेक करने का भी कोई पुण्य नहीं मिलता। लोटा और जल अपने ही घर से लेकर जाओ, जल चढाऩा शिव की कृपा जरूर बरसेगी। उन्होंने कहा कि सात दिन की शिव पुराणकथा में से अगर पांच दिन भी कथा श्रवण कर ली तो शिव और पार्वती अपनी उपस्थिति का अहसास जरूर करवाते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी तुम्हारे घर पर कोई अतिथि आए तो तुम्हारे खासकर घर की बहु के चेहरे पर मुस्कान जरूर होनी चाहिए, आपके यहां कौन आता है और कौन कि से बुलाता है ईश्वर ही आपके घर भेजते हैं। अगर अतिथि का सत्कार सही होगा तो ऐसे घर पर देवता भी पुष्प वर्षा कर अपना आशीर्वाद देते हैं। जब उन्होंने- मेरा बीते सारा जीवन बाबा तेरे चरणों में भवन सुनाया तो कांडा परिवार के सभी सदस्यों के साथ साथ पंडाल में बैठा हर श्रद्धालु अपने स्थान से उठकर झूमने लगा।

एकांतेश्वर महादेव का जाप करने से होती है हर इच्छा पूरी
उन्होंने कहा कि एकांतेश्वर महादेव का जाप करते हुए सात नदियों के जल और सात बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने (एक नदी के जल के साथ एक बेलपत्र)से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शिव के 108 नामों का जाप किया जाए। शिवपुत्री अशोक सुंदरी और अन्य पांच पुत्रियों के स्थान पर भी जल चढ़ाया जाए। नंदी के श्रीचरणों में जल चढाक़र उनके कान में अपनी इच्छा जरूर बतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिव को क भी भी 56 भोग नहीं लगाया जाता, उन्हें तो बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल प्रिय है। किसी भी ग्रंथ खासकर शिवपुराण में कही पर भी नहीं लिखा कि शिव को भांग प्रिय है।  उन्होंने कहा कि जब भी काशी जाना हो हो बालू का शिवलिंग बनाकर पूजा करना की शिव की कृपा जरूर मिलेगी। इसके बाद में आरती का आयोजन हुआ।