सीडीएलयू में हरियाणा में बिजली जनरेटर साइटस पर धान की पराली की मात्रा और वितरण लागत का अध्ययन

 

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हरियाणा मेें सिरसा के चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा को हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन की तरफ से कनसेलटन्सी के लिए 11 लाख रूपये का एक शोध प्रोजेक्ट प्रदान किया गया। इस प्रोजेक्ट के बारे मे बताते हुए अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर तथा यूनिवर्सिटी सेन्टर फॉर रूरल स्टडीज के निदेशक डॉ. रोहताश ने बताया कि हरियाणा मे बिजली जनरेटर साइटस पर धान की पराली की मात्रा और वितरण लागत का अध्ययन इस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। 


उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सेन्टर फॉर रूरल स्टडीज ने इस प्रोजेक्ट का प्रोपजल हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन को फरवरी 2024 माह मे भेजा गया था। इस प्रोजेक्ट के लिए डॉ0 रोहताश प्रोजेक्ट डायरेक्टर तथा अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ0 सुरेन्द्र अहलावत कॉ-प्रोजेक्ट डायरेक्टर होगें।


डॉ0 रोहताश ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 10 जून को विश्वविद्यालय को ईमेल के माध्यम से हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन का वर्कऑडर प्राप्त हुआ और इस वर्कऑडर के तहत विश्वविद्यालय शोध प्रोजेक्ट के माध्यम से हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन को पावर जनरेशन के विभिन्न क्षेत्रो मे पराली के महत्व, मांग तथा लागत आदि के बारे मे विस्तारपूर्वक बताया जाएगा।


डॉ. रोहताश ने कहा कि इसके अतिरिक्त किसानों को भी पराली के उचित प्रबन्धन तथा आय के स्त्रोतो मे वृद्धि के बारे मे जागरूक किया जाएगा। उन्होने बताया कि प्रोजेक्ट के माध्यम से पराली का उपयोग करके कम दामों पर बिजली का उत्पादन करने के साथ साथ विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर अध्ययन किया जाएगा और निर्धारित समय मे हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कि जाएगी। प्रंोजेक्ट का कार्य कमीशन के नियम व शर्तो के अनुरूप किया जाएगा।


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक, कुलसचिव ड. राजेश बसंल व प्राध्यापकों ने डॉ. रोहताश तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र अहलावत को प्रोजेक्ट मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।